पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने
समस्त साध-संगत पर अपना आशीर्वाद व प्यार लुटाया।
सच कहूँ वेब डेस्क
बरनावा। बुधवार को पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने उत्तर प्रदेश के शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा से आनलाइन गुरुकुल के माध्यम से बिहार के सासाराम (online gurukul bihar ) में साध-संगत से रूबरू हुए। इस दौरान पूज्य गुरु जी ने लाखों लोगों का नशा और बुराइयां छुड़वाकर गुरूमंत्र, नाम शब्द दिया। इस दौरान साध-संगत द्वारा बनाई गई मनमोहक रंगोली की पूज्य गुरु जी ने सराहना की। पूज्य गुरु जी ने आनलाइन रूबरू होते हुए समस्त साध-संगत को छठ पूजा की बधाई दी और वचन फरमाये कि भगवान आपको खुशियां दे। इस दौरान साध-संगत ने जब पूज्य गुरु जी ने बिहार में अपने पावन चरण कमल टिकाने की प्रार्थना की तो पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि ‘‘ सुनने वाले राम, अपना काम है जपना नाम, बाकी वोही करेंगे सारे काम’’। जिसके बाद पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने समस्त साध-संगत को अपना आशीर्वाद व प्यार लुटाया।
शाह मस्तान जी ने टैंशन फ्री रहने का सिखाया तरीका | online gurukul bihar
इससे पूर्व पूज्य गुरु जी ने पावन वचनों की वर्षा करते हुए फरमाया कि शाह मस्तान जी व शाह सतनाम जी दाता ने हमें सिखाया कि टैंशन को रोकना कैसे है। क्योंकि हमारी संस्कृति में रिश्तों के प्रति बड़ा प्यार है। पुराने समय में हम एक-दूसरे से दूर नहीं होते थे। लेकिन आजकल यह प्यार कम होने लगा है। आज के समय में परिवार एक-दूसरे से जुड़े कम है, टूटे ज्यादा है। आज समाज इतना बदल गया है कि मां-बाप भी अपने बच्चों को कुछ नहीं बोल सकते। लेकिन बच्चों को सही रास्ते पर चलाना जरूरी है, सही रास्ता दिखाना जरूरी है। इसलिए बच्चों को अच्छी शिक्षा देते रहिए। सही रास्ते की बात बताते रहिए। तो ही आप इस कलियुग में परमानंद प्राप्त कर पाएंगे और अच्छी खुशियां ले पाएंगे।
आज के दौर में चल रही खुदगर्जी की हवा
पूज्य गुरु जी ने कहा कि समाज में हवा कैसे भी चले, उसी के अनुरूप अपनी ओट कर लो। आज के दौर में खुदगर्जी की हवा चल रही है। आज के दौर स्वार्थीपन बेहद छा गया है। स्वार्थ के बिना कोई बात ही नहीं करना चाहता। जब इन्सान को अपने स्वार्थ की पूर्ति नहीं होती तो वह उसे प्यार ही नहीं मानता। इन्सान कहता है कि मेरे स्वार्थ की पूर्ति होनी चाहिए, तभी प्यार है। वरना कोई प्यार नहीं है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि सच्चा प्यार आत्मिक प्यार होता है। अगर इन्सान की भावना शुद्ध है और राम-अल्लाह, सतगुरु, मौला से प्यार करते है तो यकीन मानिए इन्सान टैंशन फ्री रहेगा और शरीर में तंदरूस्ती रहेगी तथा इन्सान के दिलो-दिमाग में कभी भी चिंता के बादल नहीं छाएंगे।
इसलिए जरूरी है कि इन्सान स्वार्थी ना होकर के बेगर्ज, निस्वार्थ भावना में एक बार जी कर तो देखों। उसका एक अलग ही मजा होता है। पूज्य गुरु जी ने बताया कि साईं शाह मस्ताना जी महाराज ने घर-परिवार में रहते हुए अपने विचारों का शुद्धिकरण करने का आसान तरीका बताया है। घंटा सुबह-शाम राम के नाम का सुमिरन करने से इन्सान की बुराइयां छूटेगी तथा साथ में इन्सान की बुरी आदतों में बदलाव आएगा। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि जिस इन्सान के अंदर संतुष्टि आ जाती है, उससे सुखी इन्सान दुनिया में कोई नहीं हो सकता।
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