जैसलमेर (एजेंसी)। राजस्थान के जैसलमेर में बुधवार देर रात पाकिस्तान की सीमा से रेतीला तेज तूफान (Sand Storm) आया जिससे बिजली के खंभे एवं पेड़ उखड़ गये और टीन-छप्पर उड़ गये तथा इस दौरान एक व्यक्ति घायल हो गया। करीब चार घंटे तक चले तेज अंधड़ की गति इतनी तेज एवं भयावह थी कि आमजन में पूरे शहर एवं कई ग्रामीण इलाकों में भय एवं दशहत का माहौल बना रहा। इस रेतीले तूफान के कारण चारों तरफ धूल का बवंडर छा गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार तेज हवाओं ने विश्व विख्यात 870 साल पुराने देश के एक मात्र लीविंग फोर्ट सोनार दुर्ग की हवा पोल सहित कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है। दुर्ग में स्थित चौथे द्वार हवा पोल पर लगे अदभुत नक्काशी वाले कुछ पत्थर ,कंगूरे टूटकर नीचे गिर गए, लेकिन देर रात हुई इस घटना से कोई जनहानी नहीं हुई है। सम के रेतीले (Sand Storm) धोरों पर भी लगे हुए टेंट रिसोर्ट में टेंटो के उड़ने की जानकारी मिली है ,कई अन्य टेण्ट में विदेशी सैलानी रुके हुए थे लेकिन कही से जनहानि की कोई जानकारी नही मिली है।
जगह-जगह बिजली के खंभे एवं ट्रांस्फोर्मर आदि गिरने से देर रात से करीब 14 घण्टो से जैसलमेर में बिजली नहीं है। इस दौरान जैसलमेर डेडानसर रॉड लोहार बस्ती में तेज अंधड़ से उड़े टीन की चपेट में आने से चनणाराम (31) घायल हो गया, जिसे जवाहर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। देर रात करीब पौने एक बजे हल्की बूंदाबांदी हुई उससे तूफान की गति थोड़ी कम हुई लेकिन इसके बाद फिर तेज तूफान का दौर शुरू हो गया जो करीब तीन घंटे तक चला।
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