जाखल (तरसेम सिंह)। नेहरू युवा केंद्र के तत्वावधान में मेरा युवा भारत, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संविधान दिवस कार्यक्रम का आयोजन गांव म्योंद कलां के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में किया गया। सर्वप्रथम डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनको श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम के उपरांत स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा एक पदयात्रा का आयोजन भी किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रिंसिपल गुरलाल सिंह द्वारा किया गया। उन्होंने सभी युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि हर साल 26 नवंबर को राष्ट्रीय संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इस दिन साल 1949 में भारत की संविधान सभा की ओर से संविधान के तैयार खाके को अपनाया गया था। इस दौरान भाषण प्रतियोगिता भी आयोजित करवाई गई निर्मला ने प्रथम, स्नेहा ने द्वितीय तथा सोमा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
नेहरू युवा केंद्र की स्वयंसेविका नेहा रानी ने सभी युवाओं को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जीवनी के बारे में जागरुक करते हुए कहा कि आज का दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अंबेडकर का जीवन संघर्ष और उपलब्धियों से भरा पड़ा है। अंबेडकर ने अपने जीवनकाल में दलितों और शोषित वर्गों के उत्थान के लिए काम किया। अंबेडकर ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए भी काम किया और उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए संघर्ष किया। उन्होंने युवाओं को संविधान का समान करने हेतु आग्रह किया और शपथ भी दिलवाई। इस दौरान नेहरू युवा केंद्र के स्वयंसेवक सुखदेव सिंह द्वारा युवाओं को माय भारत पोर्टल के बारे में भी जागरूक किया। साथ ही विकसित भारत यंग लीडर डायलॉग में ज्यादा से ज्यादा प्रतिभागिता करने हेतु आग्रह किया।