ऑर्गेनिक खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहा ओमप्रकाश | Organic Farming
- सवा एकड़ में पटड़ा विधि से धान के साथ लगाया धनिया
- उन्नत विधि से 80 फीसदी तक बच रहा पानी
- कम बीज की बिजाई करके ले रहा अच्छी पैदावार
यमुनानगर (सच कहूँ/लाजपतराय)। ‘काली रात सिर्फ उन लोगों के लिए होती है, जिन्हें मेहनत वाली मोमबत्ती जलानी नहीं आती। जो मेहनत करते हैं उनको विजयी बनाने में तो कायनात खुद काम करती है।’ ऐसा ही कुछ कर दिखाया है जिला यमुनानगर के गाँव खेड़कीब्राह्मणान के प्रगतिशील किसान ओमप्रकाश ने। सवा एकड़ भूमि पर 80 फीसदी तक पानी बचाने के साथ ऑर्गेनिक खेती (Organic Farming) को अपनाकर कड़ी मेहनत के बल पर ये किसान पिछले चार सालों से कम लागत में भरपूर पैदावार लेकर अच्छा मुनाफा कमा रहा है। ओमप्रकाश का कहना है कि अगर किसान उन्नत विधियों का इस्तेमाल करके खेती करें तो पानी की बचत के साथ-साथ भारी भरकम लागत से भी बचा जा सकता है।
कम लागत में अच्छा मुनाफा
प्रगतिशील किसान ओमप्रकाश ने बताया कि उसके पास सवा एकड़ जमीन है, जिसमें उसने पटड़ा विधि अपनाकर धनिया व धान की बिजाई की हुई है। पटड़ों पर धनिया व नालियों में धान की सीधी बिजाई की गई है, जो कि बहुत ही अच्छे से तैयार खड़ी है। किसान ने बताया कि धनिया की फसल डेढ़ माह में काटकर बेच दी जाएगी। उसके बाद धान तेजी से ग्रोथ करेगी। उन्होंने बताया कि इस तरह से एक समय में वह दो फसल लेकर अच्छा मुनाफा प्राप्त कर रहा है। वहीं धान की बिजाई में 8 किलो बीज के स्थान पर छ: किलो बीज लगता है और सबसे ज्यादा लाभ धान की फसल में पैडी मेथड़ से लगाई धान की अपेक्षा इस विधि में पानी की भी 80 फीसदी तक बचत होती है। जिसको लेकर सरकार लगातार प्रयासरत है।
खेती से जुड़ें युवा | Organic Farming
प्रगतिशील किसान ओमप्रकाश ने बताया कि अगर किसान इन विधियों का इस्तेमाल कर दोहरी खेती करेंगे तो अच्छा मुनाफा कमा पाएंगे। इसके साथ ही अन्य लोगों के लिए भी खेती में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि देश के युवा कमाई के चक्कर में विदेशों में जाने को तवज्जों दे रहे हैं, जबकि यदि वे अपने देश में उन्नत तकनीकों का प्रयोग करके खेती करें तो यहां भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पटड़ा विधि बहुत ही कारगर विधि है, यदि सभी किसान इस विधि को अपनाए तो कम बीज लगेगा, कम पानी की खपत होगी व खेत की कम जुताई होगी और पैदावार ज्यादा होगी।
घर पर ही तैयार करते हैं तरल खाद | Organic Farming
प्रगतिशील किसान ओमप्रकाश ने बताया कि वह घर के कचरे से आॅर्गेनिक विधि से तरल खाद तैयार करता है। उसके बाद इस तरल खाद को पानी के साथ मिलाकर फसलों में डालता है, जिसका सीधा असर पौधों पर पड़ता हैं और अच्छा उत्पादन होता है। उन्होंने बताया कि पटड़ों की दूरी अढ़ाई फुट, गहराई 9 इंच रखी जाती है। खेत जुताई के बाद बीज फैलाना भी विशेष महत्व रखता है। इस विधि से सिर्फ किलो बीज की जरूरत पड़ी जबकि परंपरागत विधि से 8 किलो बीज की जरूरत पड़ती है। किसान ने बताया कि इस विधि से अच्छा मुनाफा होता है। एक एकड़ में लगभग 18 से 20 हजार रुपये लागत आती है जबकि दो फसलों में से एक फसल तो पूरी बचत में रहती है। यानि एक फसल की बिक्री की आमदन बचत रहती है।