विश्व चैंपियनशिप: दो बार की ओलंपिक चैंपियन पोलैंड की अनीता व्लोदारक्जिक ने हैमर थ्रो में जीता स्वर्ण
लंदन (एजेंसी)। ओलंपिक चैंपियन जमैका के उमर मैक्लियॉड ने अपने देशवासियों के चेहरे पर फिर से खुशी लाते हुए विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 110 मीटर बाधा दौड़ स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीत लिया है। हमवतन यूसेन बोल्ट और एलीन थॉम्पसन की 100 मीटर स्पर्धा में मिली हार के बाद मैक्लियॉड ने सोमवार रात बिना कोई गलती किए हुए स्वर्ण जीतकर बोल्ट और थॉम्पसन की हार से मिली निराशा को खत्म कर दिया। 23 वर्षीय एथलीट मैक्लियॉड ने 13.04 सेकेंड में रेस पूरा कर स्वर्ण अपने नाम कर लिया।
उन्होंने इस जीत को बोल्ट को समर्पित करते हुए कहा कि सच पूछिए तो यहां पर मैं जमैका का झंडा ऊंचा रखना चाहता था और मैंने यही किया। यूसेन बोल्ट अभी भी महान है और यह जीत आप लिए है। यहां पर मेरे ऊपर बहुत दबाव था। लेकिन मैंने इसे सकारात्मक रुप में लिया। यह पिछले साल से पूरी तरह से अलग है जब यूसेन, एलीन और मैंने स्वर्ण जीता था। गत चैंपियन रुस के सर्जेरी शुबेनकोव ने 13.14 सेकेंड के समय के साथ रजत पदक हासिल किया। शुबेनकोव बिना रुसी झंडे के तहत स्वतंत्र एथलीट के रुप में इस चैंपियनशिप में उतरे और लंदन में पदक जीतने वाले वह पहली रुसी एथलीट बने।
वांग की यह पहली विश्व खिताब
हंगरी के ब्लाजस बेजी ने 13.28 सेकेंड के समय के साथ कांस्य पदक जीता। वहीं पांच वर्ष पहले यहां स्वर्ण जीतने वाले विश्व रिकॉर्डधारी अमेरिका के एरीस मेरिट ने शुरुआत तो काफी तेज की लेकिन अंत में वह पीछे रह गए। मेरिट 13.31 सेकेंड के साथ पांचवें स्थान पर रहे। इससे पहले दो बार की ओलंपिक चैंपियन पोलैंड की अनीता व्लोदारक्जिक ने अपना दबदबा कायम रखते हुए महिलाओं की हैमर थ्रो स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीत लिया। 2012 और 2016 में हुए ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली अनीता ने अपने उसी प्रदर्शन को यहां भी बरकरार रखा और स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही तीसरा विश्व खिताब अपने नाम कर लिया।
अनीता ने यहां लंदन स्टेडियम में धीमी शुरुआत के बाद चौथे प्रयास में 77.90 मीटर की थ्रो फेंककर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। 31 वर्षीय विश्व रिकॉर्डधारी अनीता ने दर्शकों से कहा कि मैं बहुत खुश हूं और अगली बार फिर आप सब से मिलूंगी। चीन की झेंग वांग ने 75.98 मीटर की थ्रो के साथ रजत पदक हासिल किया। वांग की यह पहली विश्व खिताब है। वहीं अनीता की हमवतन मेलविना कोपरॉन ने पहली प्रयास में ही 74.76 मीटर की थ्रो के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया।
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