समुद्र के वैज्ञानिक जेम्स कुक

James Cook

समुद्र के वैज्ञानिक अध्ययन जिसे समुद्र-विज्ञान कहते हैं की शुरूआत कप्तान जेम्स कुक द्वारा 1768 और 1779 के बीच प्रशांत महासागर के अन्वेषण के लिए की गयीं समुद्री यात्राओं से हुई। समुद्र पृथ्वी की सतह के 70 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। समुद्र के पानी की विशेषता इसका खारा या नमकीन होना है। पानी को यह खारापन मुख्य रूप से ठोस सोडियम क्लोराइड द्वारा मिलता है, लेकिन पानी में पोटेशियम और मैग्नीशियम के क्लोराइड के अतिरिक्त विभिन्न रासायनिक तत्व भी होते हैं जिनका मिश्रण पूरे विश्व में फैले विभिन्न सागरों में बमुश्किल बदलता है।

समुद्र में लहरें पृथ्वी के घूमने के कारण उठती हैं, जबकि समुद्र के पानी पर चंद्रमा और सूर्य की गुरुत्वाकर्षण शक्ति काम करती है। हिन्दू शास्त्रों में समुद्र को 7 भागों में बांटा गया है- लवण का सागर, इक्षुरस का सागर, सुरा का सागर, घृत का सागर, दधि का सागर, क्षीर का सागर और मीठे जल का सागर। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि समुद्र का जन्म आज से लगभग पचास करोड़ से 100 करोड़ वर्षों के बीच हुआ होगा है। समुद्र में इतना नमक है कि यदि सारा पानी सूख जाए तो पूरी धरती पर 500 फीट मोटी नमक की परत फैलाई जा सकती है। सबसे गर्म महासागर हिंद महासागर है। इसके सतह के पानी का तापमान कभी-कभी 36.6 डिग्री को छू लेता है।

आप जानते हैं कि प्रशांत महासागर में ‘प्रशांत’ का अर्थ है ‘शांतिपूर्ण’। असल में जब लोगों ने पहली बार इसे देखा तो बहुत शांत पाया और इसे ‘प्रशांत’ नाम दिया। संयुक्त राज्य अमेरिका का पचास प्रतिशत महासागर के नीचे स्थित है। अटलांटिक समुद्र में एक ऐसी जगह है जिसे बरमूडा त्रिभुज कहा जाता है। पिछले 100 वर्षों में बरमूडा त्रिभुज में लोगों की मान्यताओं के अनुसार असाधारण रूप से ज्यादा संख्या में वायुयान और जलयान रहस्यमय रूप से कोई सुराग न छोड़ते हुए अदृश्य हुए हैं। जीवन की उत्पत्ति के लिए सबसे ज्यादा मान्य वैज्ञानिक सिद्धांत के अनुसार पृथ्वी में जीवन की उत्पत्ति सबसे पहले महासागर में ही हुई थी। समुद्र के एक लीटर पानी के 13 बिलियन हिस्से में एक ग्राम सोना मिला रहता है।

 

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।