अब दुनिया देखेगी इसरो का कमाल

ISRO

पीएसएलवी-सी56/ईओएस-06 मिशन पूरी तरह तैयार

चेन्नई (सच कहूँ न्यूज)। श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी-सी56, ओशनसैट श्रृंखला के पृथ्वी अवलोकन उपग्रह-06 और आठ अन्य नैनो उपग्रहों के साथ शनिवार को प्रक्षेपण के लिए पूरी तरह तैयार है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वर्कहॉर्स प्रक्षेपण वाहन का एक्सएल संस्करण अपनी 56वीं उड़ान में सुबह 1156 बजे अपना पहला प्रक्षेपण करेगा। नैनो उपग्रहों में चार एस्ट्रोकास्ट- 2 स्विस उपग्रह, दो थाइबोल्ट उपग्रह – ध्रुव अंतरिक्ष के थाइबोल्ट-1 और थाइबोल्ट-2, भूटानसैट के आईएनएस-2 और पिक्सल के आनंद शामिल हैं। पूरा मिशन लगभग 8,200 सेकंड (2 घंटा 20 मीटर) में पूरा होगा, जिसमें प्राथमिक उपग्रहों और नैनो उपग्रहों को दो अलग-अलग सौर समकालिक ध्रुवीय कक्षाओं में प्रक्षेपित किया जाएगा।

यह भी पढ़ें:– पटवारी करे यही पुकार, वेतन विसंगति दूर करो सरकार

क्या है मामला

यह 6पीएसओएम-एक्सएल के साथ पीएसएलवी-एक्सएल संस्करण की 24वीं उड़ान है। यह यान चार चरणों वाला और 44 मीटर लंबा और 321 टन वजनी है और यह ईओएस-6 को 737.936 किलोमीटर की ऊंचाई पर भूमध्य रेखा की ओर 98.341 डिग्री के झुकाव के साथ स्थापित करेगा। ईओएस-6 ओशनसैट श्रृंखला की तीसरी पीढ़ी का उपग्रह है, जो बढ़े हुए पेलोड और अनुप्रयोग क्षेत्रों के साथ ओशनसैट-2 अंतरिक्ष यान को निरंतर सेवाएं प्रदान करेगा। इस मिशन का उद्देश्य परिचालन अनुप्रयोगों की निरंतरता बनाए रखने के लिए महासागर के रंग और पवन वेक्टर डेटा की डेटा निरंतरताओं को सुनिश्चित रखना है।

अनुप्रयोगों में सुधार लाने के लिए, कुछ अतिरिक्त डेटासेट जैसे समुद्री सतह का तापमान और फ्लोरेसेंस के लिए आॅप्टिकल क्षेत्र में बैंड की ज्यादा संख्या और वायुमंडलीय सुधार जैसी चीजों का समायोजन किया गया है। इसका उद्देश्य ठीक प्रकार से स्थापित अनुप्रयोग क्षेत्रों में सेवा प्रदान करने और मिशन उपयोगिता को बढ़ावा देने के लिए संबंधित एल्गोरिदम और डेटा उत्पादों को विकसित करना और सुधार करना है।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।