सीबीआई ने हरियाणा के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर कार्रवाई करने को कहा
सच कहूँ/संजय मेहरा
गुरुग्राम। आमजन के हित का कोई काम हो तो अधिकारियों की खूब मिन्नतें करने के बाद भी वह काम सिरे चढ़ जाए जरूरी नहीं। नियम, कानून गिनाए जाने लगते हैं। लेकिन यहां एक नेता का पेट्रोप पंप लगवाने को अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर काम किया है। इसलिए अब सीबीआई को इस काम को रोकने के लिए पहल करनी पड़ी है। सीबीआई ने हरियाणा के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस पर कार्यवाही करने को कहा है।
गुरुग्राम के डीएलएफ फेज-1 में वन विभाग के क्षेत्र में नगर निगम गुरुग्राम द्वारा पेट्रोप पंप लगाने को जगह आवंटित की गई। बताया जा रहा है कि यहां पर एक प्रभावशाली नेता का पेट्रोल पंप लगना है। इसलिए न तो नगर निगम ने इस काम में कोई रोड़ा अटकाया और ना ही इंडियन आॅयल कंपनी की तरफ से। कंपनी की तरफ से ग्रीन बेल्ट में ही पंप आवंटित कर दिया गया। इसका खूब विरोध भी हुआ। यहां तक कि गुरुग्राम की मानव आवाज संस्था इस मामले को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) में भी लेकर गई। एनजीटी ने ग्रीन बेल्ट में पंप लगाने को गलत करार देते हुए गुरुग्राम के उपायुक्त को इस पर रिपोर्ट सौंपने को कहा।
वन विभाग ने की मनाही, फिर भी पंप लगाने के प्रयास
वन विभाग की ओर से जिला उपायुक्त को रिपोर्ट बनाकर दी गई कि यह पंप ग्रीन बेल्ट में लगाया जा रहा है, जो कि गलत है। नगर निगम इसके लिए कहीं और जमीन दे। इस रिपोर्ट से साफ हो गया कि यहां नियमों के खिलाफ जाकर पंप लगाने का प्रयास किया जा रहा है। बेशक एनजीटी ने पंप के लगने पर रोक लगा दी हो, लेकिन गुपचुप तरीके से पंप को लगाने का प्रयास अभी भी जारी है। इसे लेकर मानव आवाज संस्था फिर से सक्रिय हुई। संस्था के संयोजक एडवोकेट अभय जैन की ओर से प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और सीबीआई को तथ्यों के साथ शिकायत भेजी। इसे नियमों की उल्लंघना के साथ भ्रष्टाचार का भी मामला बताया। अब सीबीआई की एंटी क्रप्शन ब्रांच ने इस पर संज्ञान लिया है। सीबीआई की ओर से पर्यावरण मंत्रालय और इंडियन आॅयल कार्पोरेशन के चीफ विजिलेंस अधिकारियों को इस मामले में कार्रवाई करने को कहा है। हरियाणा के मुख्य सचिव को भी कहा गया है कि वन क्षेत्र में ही पेट्रोल पंप लगाने में अधिक दिलचस्पी दिखाई जा रही है। ऐसा क्यों। इस मामले में कार्रवाई करें।
15 मार्च 2019 को नगर निगम ने दी थी अनुमति
गुरुग्राम नगर निगम ने 15 मार्च 2019 को डीएलएफ फेज-1 में वन विभाग के 1500 स्क्वेयर मीटर क्षेत्रफल में पेट्रोल पंप लगाने की अनुमति दी थी। एनजीटी में इस मामले में एडवोकेट रिषभ जैन एडवोकेट ने मानव आवाज की ओर से पैरवी की। जिस पर एनजीटी ने जिला उपायुक्त को जांच के आदेश देकर रिपोर्ट पेश करने को कहा। बीती 9 फरवरी 2021 को एनजीटी में इस मामले में आदेश पारित किए हैं कि गुरुग्राम नगर निगम ने वन विभाग क्षेत्र में पेट्रोल पंप लगाने की अनुमति देकर गलत काम किया है।
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