सर्टिफिकेट के लिए अब अभिभावकों को नहीं काटने पड़ेंगे अस्पताल के चक्कर
- अभी तक सर्टिफिकेट के लिए दिया जाता है 21 दिन का समय
गुरुग्राम। (सच कहूँ/संजय कुमार मेहरा) जिला नागरिक अस्पताल में होने वाली डिलीवरी के बाद उसी दिन ही बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट (जन्म प्रमाण पत्र) देने की दिशा में अस्पताल ने काम करना शुरू कर दिया है। अस्पताल में हाल ही में जिन बच्चों का जन्म हुआ है, ट्रायल के तौर पर उन्हें एक दिन में ही सर्टिफिकेट बनाकर भी दिए गए। संभवत: आगामी 1 फरवरी 2023 से यह कार्य नियमित तौर पर शुरू हो जाएगा। सरकारी और निजी अस्पतालों में पैदा होने वाले बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र को लेकर हमेशा से ही लेट-लतीफी होती रही है। कभी अभिभावकों के कागज पूरे नहीं होने की वजह से तो कभी किसी और वजह से जन्म प्रमाण पत्र समय पर नहीं बन पाते। इस कारण बच्चे के अभिभावक भी भागदौड़ करके परेशान हो जाते हैं और स्टाफ को भी काफी माथा-पच्ची करनी पड़ती है।
यह भी पढ़ें:– सांसद की पत्नी ने ठंड व पाले से प्रभावित फसलों का लिया जायजा
इस व्यवस्था को सुधारने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक निर्णय लिया गया कि क्यों ना बच्चों की डिलीवरी वाले दिन ही उनके जन्म प्रमाण पत्र बनाकर दे दिए जाएं। इसके लिए सिविल सर्जन डॉ. विरेंद्र यादव ने अतिरिक्त जिला रजिस्ट्रार जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण कार्यालय के अधिकारियों, कर्मचारियों को भी निर्देश दिए कि यह काम तो उन्हें करना ही है, चाहे इसमें एक दिन लगा दें या ज्यादा दिन। काम तो पूरा करना होगा। अगर एक दिन में जन्म प्रमाण पत्र बनाकर दे देते हैं तो यह नई व्यवस्था स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर सेवा कही जाएगी। इस काम के लिए बच्चे के अभिभावकों को बार-बार चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। सिविल सर्जन डॉ. विरेंद्र यादव ने कहा कि इस नए साल में हमें कुछ नया करना चाहिए। बर्थ सर्टिफिकेट जन्म वाले दिन ही जारी कर देना विभाग की बेहतर कार्य होगा।
अभी इस कार्य का ट्रायल रन शुरू किया गया है। नवजात बच्चों की माओं को उनके बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र जन्म वाले दिन ही बनाकर दिए गए हैं। इससे अभिभावकों को भी फायदा हुआ है। जन्म वाली तारीख से ही बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र जारी होना अच्छी शुरूआत है।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।