हरियाणा शिक्षा निदेशालय ने जारी किए आदेश
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार के फीस वृद्धि कानून की निजी स्कूलों ने पहले ही शैक्षणिक सत्र से धज्जियां उड़ानी शुरू कर दी हैं। स्कूलों द्वारा अभिभावकों को न केवल निजी प्रकाशकों की किताबें खरीदने को बाध्य किया जा रहा है, बल्कि वर्दी के लिए भी दबाव बनाया जा रहा है। ऐसे में प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी के विरूद्ध अभिभावकों में रोष है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अब शिक्षा निदेशालय ने जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी करके स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
शिक्षा निदेशालय के जारी पत्र के अनुसार सभी मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों को निर्देश दिए जाते हैं कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा संशोधन नियम 2021 के पैरा 3 के अनुबंध 6 के अनुसार अपने स्कूल में अध्ययनरत विद्यार्थी को विद्यालय द्वारा अनुशंसित दुकान से पुस्तकें, कार्य- पुस्तिकाएं, लेखन- सामग्री, जूते, मौजे, वर्दी खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। यदि किसी स्कूल ने इसकी उल्लंघना की तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
फीस वृद्धि नियम के तहत प्रदेश के जिन निजी स्कूलों ने फॉर्म 6 भरा है, केवल वे ही मौजूदा शिक्षा सत्र में फीस बढ़ा सकेंगे। प्रदेश के 56 प्रतिशत स्कूलों ने फॉर्म भरा है। इसलिए अब शिक्षा विभाग इन स्कूलों की सूची जिला शिक्षा अधिकारियों के पास भेजेगा। जिला शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा कार्यालय में इन स्कूलों की सूची चस्पा करेंगे, जिससे अभिभावकों को पता चलेगा कि कौन-से स्कूल ने फॉर्म 6 भरा है और वह फीस बढ़ा सकता है।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।