पेपर लीक से बचने के लिए सरकार ने शुरू की कवायद
जयपुर (सच कहूँ न्यूज)। 18 महीने पहले जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने के बाद अब सरकार फिर से जेल प्रहरियों के पद पर भर्ती की तैयारी कर रही र्है। इस बार भी इतने ही पदों पर भर्ती होनी है। बताया जा रह है कि इस बार भर्ती सरकारी संस्था के जरिए होगी और पेपर लीक नहीं हों इस कारण भर्ती को आॅन लाइन कराने की पूरी तैयारी है। डेढ़ साल बीत जाने के बाद पुलिस अभी तक भी पेपर लीक करने वाले गिरोह तक नहीं पहुंच सकी है। इस बार होने वाली भर्ती का आयोजन सरदार पटेल पुलिस यूनिवर्सिटी जोधपुर कर सकती है।
राजस्थान पुलिस और जेल में होने वाली भर्तियों में सरकार ने पहली बार ही नया प्रयोग किया था। नया प्रयोग था कि किसी निजी फर्म के जरिए पेपर कराए जाएं, ताकि सुरक्षा और अन्य तरह की व्यवस्थाएं कंपनी की ही हों। जेल अफसरों का मानना था कि इससे पेपर भी लीक नहीं होंगे। लेकिन पिछले साल 24 जनवरी को होने वाली भर्ती परीक्षा से ठीक एक दिन पहले शाम को पेपर लीक हो गया। अगले दिन वही पेपर परीक्षा में भी आ गया। नतीजा परीक्षा को रद्द करना पड़ गया।
फर्म को दिए एक करोड़ वापस लाने में छूटे पसीने
सरकार ने भर्ती कराने का ठेका एक निजी फर्म को दिया था। ठेका जेल के ही एक अफसर के कहने पर दिया गया था। भर्ती पूरी कराने के लिए फर्म ने करीब डेढ़ करोड़ रुपए मांगे थे। एक करोड़ रुपए का चैक कंपनी को पहले ही दे दिया गया था। लेकिन जब कंपनी परीक्षा सही तरह से कराने में फेल हो गई तो पैसा वापस लौटाने की जिम्मेदारी जेल अफसरों पर आ पहुंची। बताया जा रहा है कि जेल अफसरों ने कंपनी के बीस से भी ज्यादा चक्कर लगाए उसके बाद जाकर कंपनी ने रुपए वापस लौटाए हैं।
पांच लाख से ज्यादा ने दी थी परीक्षा
जेल प्रहरी की इस भर्ती परीक्षा में पांच लाख सत्तर हजार से भी ज्यादा युवकों ने भाग लिया था। सरकार को ज्यादा से ज्यादा कमाई हो सके इस कारण से सरकार ने राजस्थान के साथ ही आसपास के भी दस राज्यों के अभ्यर्थियों को भी इस भर्ती में शामिल कर लिया था।
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