पहल। ओपन जिम में दो लाख रुपए की लागत से लगे जिम उपकरण ( prisoners health)
जिला एवं सत्र न्यायधीश डॉ. आरएन भारती ने किया शुभारंभ
सच कहूँ/पवन सरसा। कैदियों के शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जेल विभाग की ओर से जिला कारागार में ओपन जिम स्थापित किया गया है। सरसा जेल में करीब 700 बंदी हैं। वहीं 200 से अधिक नशा तस्कर भी हैं। कैदियों के सुधार एवं पुनर्वास के लिए शुरू की गई पहल के तहत यह व्यायामशाला अपनी तरह की पहली फिटनेस सुविधा होगी। कैदी शारीरिक व्यायाम करके शरीर को स्वस्थ रख सकेंगे। यह पहल सलाखों के पीछे रह रहे कैदियों की शारीरिक तंदुरुस्ती के लिए एक उपयोगी कार्यक्रम के तौर पर भी काम करेगी। जिम में रोजाना व्यायाम करना शरीर के लिए अच्छा होगा। इससे विभिन्न प्रकार की बीमारियों से भी छुटकारा मिलेगा।
- यह ओपन जिम सुविधा इंटरनेशनल भिवानी के चेयरमैन अमन भारद्वाज की ओर से स्थापित करवाई गई है।
- ओपन जिम का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायधीश डॉ. आरएन भारती ने किया।
- इस मौके पर जेल अधीक्षक अमित भादू भी उपस्थित थे।
- डॉ. भारती ने जेल में स्थापित की गई ओपन जिम का निरीक्षण किया और जिम उपकरणों बारे बारीकी से जानकारी ली
योग व कसरत से नशों से होंगे दूर
पुलिस विभाग की ओर से 200 से अधिक नशा तस्करों को पकड़कर जेल में भेजा जा चुका है। जेल में जिम लगने से नशेड़ियों का नशों की तरफ भी ध्यान कम जाएगा। वहीं वे ओपन जिम में कसरत करके नशों से दूर रह सकते हैं। इससे उनका मानसिक विकास ही नहीं, बल्कि शरीर भी स्वस्थ रहेगा।
जेल में ये लगे हैं जिम उपकरण
- रोवर डबल
- लेग प्रेस डबल
- क्रॉस ट्रेनर
- पैक डेक डबल
- चेस्ट प्रेस डबल
- शोल्डर बिल्डर
- सिटअप बोर्ड्र
- डबली ट्विस्टर सिटिंग
दो लाख की लागत से बना जिम
लायंस क्लब सरसा डायमंड व सड़क सुरक्षा अभियान के प्रयासों से सुविधा इंटरनैशनल भिवानी के चेयरमैन लायन अमन भारद्वाज की ओर से जिला जेल में दो लाख रुपये की लागत से ओपन जिम स्थापित की गई है। उद्योगपति पंकज खेतान विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। समारोह में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव न्यायधीश अनमोल सिंह नैयर, जिला जेल उपाधीक्षक शैलाक्षी भारद्वाज, वरूण कुमार, लायंस क्लब सरसा डायमंड के प्रधान लायन होशियार चंद शर्मा, एडवोकेट पुरूषोत्तम गोयल, सोनू डूमड़ा, विकास अरोड़ा, लायन प्रदीप उपस्थित थे।
जेल कैदियों का हो रहा है कौशल विकास
जेल में बंद कैदियों का कौशल विकास किया जा रहा है। हरियाणा की जेलें देश के अन्य प्रदेशों के मुकाबले आधुनिकीकरण में आगे हैं। कई कंपनियों से सरकार ने समझौता किया है, जिसके तहत कैदियों को प्रमाण पत्र भी दिए जा रहे हैं। ताकि जेल से निकलने के बाद कैदी रोजगार हासिल कर सकें।
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