नई दिल्ली। सरकार देश में Mobile फोन की ट्रेकिंग का एक नया सिस्टम लागू कर दिया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संचार साथी पोर्टल (डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू संचारसाथी डॉट गोव डॉट इन) लॉन्च किया। इस पोर्टल की मदद से उपयोगकर्ता अपने सिम कार्ड नंबर तक भी पहुंच सकते हैं और अगर किसी को मालिक की आईडी के जरिए सिम का उपयोग करते हुए पाया जाता है तो उसे ब्लॉक कर सकते हैं।
आमतौर पर Mobile फोन चोरी होने के बाद उनका पता लगाना कठिन हो जाता था। ऐसे में अब एक सिस्टम तैयार किया गया है, जो पूरे देश में लागू किया जाएगा। इसके बाद चोरी का फोन देश में कहीं भी चलाना कठिन हो जाएगा। सरकार के इस नए ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए देशभर में लोग अपने गायब या चोरी हो चुके Mobile फोन को आसानी से ब्लॉक कर सकेंगे। सेंटर फॉर डवेल्पमेंट आॅफ टेलीमेटिक्स दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक और नॉर्थ-ईस्ट क्षेत्र समेट कुछ टेलिकॉम सर्किलों में सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर सिस्टम को प्रायोगिक आधार पर चला रहा है।
सीईओ और चेयरमैन प्रोजेक्ट बोर्ड राजकुमार उपाध्याय ने कहा कि सिस्टम तैयार है और अब इसे इसी तिमाही में पूरे भारत में तैनात किया जाएगा। इससे लोग अपने खोए हुए Mobile फोन को ब्लॉक और ट्रैक कर सकेंगे। क्लोन्ड मोबाइल फोन के इस्तेमाल का पता लगाने के लिए इसमें नई खूबियां जोड़ी हैं। हालांकि उपाध्याय ने तारीख की पुष्टि नहीं की, लेकिन कहा कि यह टेक्नोलॉजी आॅल इंडिया लेवल पर लॉन्च के लिए तैयार है। सरकार ने देश में मोबाइल डिवाइस की बिक्री से पहले 15 डिजिट के आईएमईआई का खुलासा करना जरूरी कर दिया है।
Mobile नेटवर्क के पास मंजूर आईएमईआई नंबरों की लिस्ट होगी। इससे उनके नेटवर्क में अनधिकृत मोबाइल फोन की एंट्री का पता लग सकेगा। टेलिकॉम आॅपरेटर्स और सीईआईआर सिस्टम के पास डिवाइस के आईएमईआई नंबर और उससे जुड़े मोबाइल नंबर की जानकारी होगी। कुछ राज्यों में इस सूचना का इस्तेमाल गुम या चोरी किए गए मोबाइल फोन का पता लगाने के लिए किया जाएगा।