अब लोगों को पानी का देना पड़ेगा बिल

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विकास अथॉरटी ने उपभोक्ताओं को मीटर लगवाने लिए दिया एक सप्ताह का समय

भटिंडा (अशोक वर्मा)।भटिंडा की पुडा कालोनियों में रहते लोगों को अब पानी के इस्तेमाल अनुसार ही बिल देना पड़ेगा। भटिंडा विकास अथॉरटी ने फेज 4-5 से वाटर मीटर पॉलिसी लागू करने की शुरूआत कर दी है। इस योजना के दायरे में मॉडल टाऊन फेज-3, फेज-2 व फेज-1 को भी लाया गया है। शेष शहर को फिलहाल पहले की तरह ही पानी की सप्लाई मिलती रहेगी। नई वाटर मीटर पॉलिसी न केवल जेब काटेगी, बल्कि इससे आम आदमी की खजल खुआरी भी बढ़ेगी।

विकास अथॉरटी ने उपभोक्ताओं को मीटर लगवाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को मीटर रीडिंग के हिसाब से इस्तेमाल किए गए पानी का बिल अदा करना होगा। नई नीति मुताबिक प्रत्येक उपभोक्ता को टैंपर प्रूफ आईएसआई मार्का का मीटर लगवाना पड़ेगा। उपभोक्ता ही वाटर मीटर को दुरुस्त रखने के लिए जिम्मेवार होगा।

यदि मीटर खराब हो जाता है तो नया मीटर भी उपभोक्ता को ही लगवाना होगा। प्रत्येक उपभोक्ता वाटर मीटर लगवाने तक का पूरा खर्च अपने जेब से करेगा। इस समय उपभोक्ताओं को पानी का कुनेक्शन जोड़ने के लिए लिए जाने वाले रोड कट के पैसे भी खर्च करने पड़ रहे हैं। पाईप सहित अन्य सारा साजो सामान भी अब उपभोक्ता की जेब ढीली करेगा।

फेज 4-5 में वाटर मीटर पॉलिसी लागू

इन खर्चों के बावजूद प्रत्येक माह पानी के पैसों की अदायगी भी निश्चित तारीख तक करनी पड़ेगी। नए नियमों के अनुसार जितनी देर यह मीटर वगैरा नहीं लगते, तब तक पानी के बिलों की अदायगी उपभोक्ता को नगर निगम के चार्जिज मुताबिक करनी होगी। अधिकारी इस मुद्दे पर चुप हैं, किन्तु जानकार सूत्रों के मुताबिक बिल की अदायगी में देरी की सूरत में जुर्माने का प्रबंध भी किया गया है।

सूत्र बताते हैं कि अधिकारी किसी किस्म के विवाद के डर से शांतमयी ढंग से सारा मामला निपटाना चाहते हैं। भटिंडा विकास अथॉरटी के इस फैसले से अरबन अस्टेटों के प्रत्येक घर पर कम से कम तीन से पांच हजार रुपये तक का अतिरिक्त भार पड़ेगा, जो आल ओवर करोड़ों रुपये बनता है। भटिंडा विकास अथॉरटी ने जन स्वास्थ्य विभाग के डिवीजनल इंजीनियर के पत्र नंबर 2724 तिथी 7 अगस्त 2015 के हवाले से इस संबंधी नोटिस जारी किए हैं, जिस मुताबिक कुनेक्शन मिलने की तारीख से दो माह के भीतर मीटर लगाने की हिदायत की गई है।

वाटर मीटर पॉलसी संबंधी नोटीफिकेशन जारी

उल्लेख्नीय है कि गत विधान सभा चुनाव से पहले स्थानीय सरकारें विभाग द्वारा वाटर मीटर पॉलसी संबंधी नोटीफिकेशन जारी किया गया था, जिसे नगर निगम भटिंडा के हाऊस ने भी मंजूरी दे दी थी। उस समय राजनीतिक माहौल को देखते हुए सरकार ने वोट बैंक प्रभावित होने के डर से इस योजना पर रोक लगा दी थी। बेशक अभी तक यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो सका है, किन्तु सूत्र बताते हैं कि इस काम के लिए सरकार कुछ निजी संस्थाओं पर मेहरबान होने जा रही है।

एशियन सैनटरी स्टोर के मालिक संजीव कुमार गोयल ने बताया कि वाटर मीटर की औस्तन कीमत 1100 रुपये है व इसे फिट करने के लिए सामान अलग होगा। उन्होंने बताया कि मार्कीट में 1 जुलाई के बाद ही वाटर मीटर उपलब्ध होंगे, क्योंकि जीएसटी कारण पीछे से माल ही कम आ रहा है।

कंपनियों के मुनाफों का जुगाड़

संयुक्त एकशन कमेटी भटिंडा के कनवीनर एमएम बहिल ने कहा कि भटिंडा विकास अथॉरटी ने अरबन अस्टेटों के लिए कौड़ियों के भाव एक्वायर की जमीन को हजारों रुपये गज बेच कर करोड़ों रुपये एकत्रित किए हैं। इसके बावजूद यहां रह रहे लोगों के वैल्फेयर के लिए तो कुछ क्या करना था, उल्टा छोटी-छोटी बातों पर टैक्स लगाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वैल्फेयर स्टेट लोगों की भलाई करती है, जबकि चुनाव के समय जन कल्याण के दावे करने वाले कांग्रेसियों की सरकार भी धनाढ्य कंपनियों के मुनाफे के लिए जुगाड़ में लग गई है।

सरकारी आदेशों पर लगवाए मीटर

भटिंडा विकास अथॉरटी के एसडीओ (जन स्वास्थ्य) चबनजीत अरोड़ा ने कहा कि सरकार के आदेशों पर नई वाटर मीटर पॉलिसी तहत मीटर लगवाए जा रहे हैं। मीटर लगने के बाद पानी की बर्बादी पर रोक लगेगी।

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