अब नहीं सताएगी गुरमेल सिंह को अपना घर न होने की चिंता
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उमर ज्यादा होने के कारण गुरमेल सिंह चलने फिरने में था असमर्थ
नरेन्द्र सिंह बठोई
पटियाला। जब जिंदगी के आखिरी पड़ाव में हाथ पैर कमजोर हो गए और शरीर को बीमारियों ने घेर लिया और सिर ढकने के लिए छत न होने के कारण गुरमेल सिंह की रातों की नींद उड़ गई थी और हर समय उसे अपना पक्का घर न होने का चिंता ही सताती रहती थी। इस बात का पता जब डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत को चला तो साध-संगत ने गुरमेल सिंह का मकान बनाने का बीड़ा उठाया और दो दिन में मकान बना कर गुरमेल सिंह का सपना पूरा कर दिया।
इस संबंधी जानकारी देते ब्लॉक बठोयी-डकाला के जिम्मेदार 15 मैंबर हरजिन्दर इन्सां, नक्षत्र इन्सां, राम कुमार इन्सां, जगरूप इन्सां, विजय इन्सां ने बताया कि गांव बठोयी कलां के गुरमेल सिंह पुत्र छोटा सिंह ने जब मकान बनाने के लिए ब्लॉक के जिम्मेवारों से बात की और बताया कि उसकी तीन बेटियां और एक बेटा है और वह किसी ऊंची जगह से गिर जाने के कारण चलने फिरने में असमर्थ है और बुजुर्ग भी बहुत ज्यादा हो गया है। वह पिछले कई दिनों से अपने रिश्तेदारों के घर रह रहा था और अपना मकान न होने के कारण बहुत ज्यादा परेशानी में था।
जिम्मेवारों ने बताया कि गुरमेल सिंह की सारी बात सुनने के बाद साध-संगत के साथ विचार विमर्श कर गुरमेल सिंह का मकान बनाने का बीड़ा उठाया। उन्होंने बताया कि साध-संगत पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन अवतार माह की खुशी में अधिक से अधिक मानवता भलाई कार्य करने को प्राथमिकता देती है और इसी के अंतर्गत ही पावन अवतार माह की खुशी में साध-संगत ने मकान बनाने का फैसला किया। जिम्मेवारों ने बताया कि साध-संगत ने गुरमेल सिंह को एक कमरा, रसोई, बाथरूम और चारीदीवारी बना कर दी है। इस मौके भंगीदास लखवीर सिंह, हरभजन सिंह, सुरजीत सिंह, गुरसेवक सिंह, दरबारा सिंह, हाकम सिंह, पप्पू इन्सां, चूहड़ सिंह, रला राम, गुरध्यान सिंह, जगरूप सिंह सहित सेवादार, सुजान बहनें, अलग -अलग समितियो के सेवादार और बड़ी संख्या में साध-संगत उपस्थित थी।
ग्रामीणों ने की साध-संगत के कार्य की प्रशंसा
गांव बठोयी कलां के निवासियों की ओर से साध-संगत के इस किये जा रहे कार्य की बहुत ज्यादा प्रशंसा की गई और हर कोई कह रहा है आज के महंगाई भरे जमाने में तो कोई किसी को एक बाल नहीं देता और साध-संगत अपनी जेब से पैसे खर्च करके मकान बनाकर दे रही है। धन्य हैं इन के पूज्य गुरू जी जो इनको मानवता भलाई कार्य करने की प्रेरणा दे रहे हैं।
साध-संगत की हिम्मत से मेरा सपना हुआ पूरा : : गुरमेल सिंह
गुरमेल सिंह ने कहा कि मैं सारी उम्र पूज्य गुरू जी व साध-संगत का देन नहीं दे सकता। क्योंकि उम्र बहुत ज्यादा होने के कारण शरीर पूरी तरह जवाब दे गया है और मकान बनाना एक सपना सा बन गया था और परन्तु साध-संगत की हिम्मत ने मेरा वह सपना दो दिन में ही पूरा कर दिया है। धन्य हैं पूज्य गुरू जी जो साध-संगत को दूसरों की मदद करने की शिक्षा दे रहे हैं।
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