इंटरनल आॅडिटिंग कराने के लिए उच्चतर शिक्षा निदेशालय की ओर से निर्देश जारी (College Fund)
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सरसा में फंड व खर्चों का ब्यौरा तैयार करने के लिए एसोसिएट प्रोफेसरों की टीम गठित
सच कहूँ/सुनील वर्मा सरसा। राजकीय कॉलेजों में मिलने वाले फंड में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी तो नहीं की जा रही, इसकी पूरी तरह से जांच होगी। अब सरकारी कॉलेजों को फंड व खर्चों का ब्यौरा देना होगा। ब्यौरा तैयार करने के लिए पहली बार जिला स्तर पर कर्मचारियों की नियुक्ति करने की योजना बनाई गई है। कॉलेजों में इंटरनल आॅडिटिंग कराने के लिए उच्चतर शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी कॉलेजों को निर्देश जारी किए गये हैं। इसकी रिपोर्ट निदेशालय को देनी जरूरी होगी।
फंड व खर्चों का ब्यौरा तैयार करने के लिए जिलावार एसोसिएट प्रोफेसरों को जिम्मेवारी सौंपी गई। सरसा में राजकीय नेशनल कॉलेज से डॉ. कृष्ण गोपाल, डॉ. नवीन मक्कड़ व राजकीय महिला कालेज से डॉ. अमनदीप को टीम में शामिल किया गया है। इनकी मदद से कॉलेज प्रशासन इंटरनल आॅडिंटिंग प्रक्रिया पूरी करेंगे। बतौर अधिकारी तैनात किए गए ये प्रोफेसर कालेजों के फंडों व खातों के ब्यौरे का रिकार्ड तैयार करने में मदद करेंगे। कॉलेजों की ओर से इंटरनल आॅडिटिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद विस्तृत रिपोर्ट निदेशालय में मुख्यालय को भेजी जाएगी।
खातों को करना होता है मेंटेन
कॉलेजों को उच्चतर निदेशालय की ओर से निर्देश दिए गये हैं। इसमें फंड व खर्च के लिए डायरेक्टर लोकल आॅडिट कार्यालय की ओर से आॅडिटिंग होगी। वहीं इससे पहले कॉलेजों को इंटरनल आॅडिटिंग प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसके तहत कालेजों में आए विभिन्न फंडों की जांच होगी। निदेशालय के मुताबिक शिक्षा के अनुच्छेद 327 के अनुसार संस्थानों को वार्षिक आधार पर निर्धारित प्रफोर्मा के तहत खातों के मेंटेन करना होता है। कॉलेजों में इंटरनल आॅडिटिंग कराने के लिए टीम गठित की गई है। इसकी मदद से कालेज प्रशासन इंटरनल आॅडिंटिंग प्रक्रिया पूरी करेंगे।
– डॉ. संदीप गोयल, प्राचार्य, राजकीय नेशनल कालेज, सरसा।
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