सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला : सभी जज आरटीआई के दायरे में आएंगे (Supreme court)
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सीजेआई आॅफिस एक पब्लिक अथॉरिटी है: कोर्ट
नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण (Supreme court) फैसले में व्यवस्था दी कि भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) का दफ्तर आरटीआई कानून के दायरे में आता है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एन वी रमन की संविधान पीठ ने बुधवार को यह फैसला संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत लिया। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि आरटीआई के तहत जवाबदारी से पारदर्शिता और बढ़ेगी।
- इससे न्यायिक स्वायत्तता, पारदर्शिता मजबूत होगी।
- संविधान पीठ ने कहा कि इससे मजबूती मिलेगी कि कानून से ऊपर कोई नहीं है।
- न्यायालय ने फैसले में यह कहा है कि सीजेआई आॅफिस एक पब्लिक अथॉरिटी है।
- न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि सभी जज आरटीआई के दायरे में आएंगे।
वित्त विधेयक 2017 की वैधता का मसला वृहद कोर्ट के सुपुर्द
उच्चतम न्यायालय ने वित्त विधेयक 2017 को मनी बिल के रूप में पारित कराए जाने का मामला बुधवार को वृहद पीठ के सुपुर्द कर दिया। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की संविधान पीठ ने बहुमत के फैसले में कहा कि वित्त विधेयक 2017 को मनी बिल के रूप में पारित किए जाने की कानूनी वैधता का मामला वृहद पीठ निपटाएगी। शीर्ष अदालत ने वित्त विधेयक 2017 को मनी बिल के रूप में राज्य सभा में पारित कराए जाने के बाद दायर कई याचिकाओं को वृहद पीठ को सौंप दिया।
सबरीमला और राफेल मामले में फैसला आज
- उच्चतम न्यायालय सबरीमला और राफेल सौदा मामलों में दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर वीरवार को फैसला सुनाएगा।
- सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर बुधवार को
- दो अलग-अलग नोटिस जारी करके दोनों मामलों को फैसले के लिए वीरवार को सूचीबद्ध किए जाने की जानकारी दी गई है।
- मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पाँच सदस्यीय संविधान पीठ सबरीमला मंदिर में
- महिलाओं के प्रवेश की अनुमति के आदेश के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर फैसला सुनाएगी।
संविधान पीठ में न्यायमूर्ति गोगोई के अलावा न्यायमूर्ति रोंिहगटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा शामिल हैं। मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय पीठ राफेल लड़ाकू विमान करार मामले की स्वतंत्र जांच न कराए जाने के फैसले के खिलाफ पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा एवं अन्य की पुनर्विचार याचिका पर फैसला देगी।
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