सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए पशुओं के लिए जारी हो रही 12 अंक की विशेष आईडी
नई दिल्ली। (सच कहूँ न्यूज) केंद्र सरकार ने हर आम आदमी की पहचान के लिए आधार कार्ड और पहचान पत्र जारी किए हैं। हर आधार कार्ड पर 12 अंक का एक नंबर अंकित होता है, जो व्यक्ति विशेष की आइडेंटिटी पेश करता है। इसी कड़ी में पशुओं के लिए भी आधार कार्ड जारी किए जा रहे हैं और इन पशुओं की पहचान के लिए 12 अंक का टैग भी बनाया जा रहा है, जिसके लिए पशु के मालिक से 5 रुपये चार्ज किए जाते हैं। आपको बता दें कि 12 नंबर का इस आइडेंटीफिकेशन टैग के जरिए पशुओं की पहचान और समय पर उनका टीकाकरण करवाना आसान हो गया है।
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पशुपालन विभाग की पहल
यह पशुपालन विभाग की पहल है, जो राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत सभी पशुओं की टैगिंग करने और उनका पहचान पत्र बनाने के लिए शुरू हुई है। देश में अकसर मवेशियों को बीमारियों या दुर्घटनाओं से जान-माल का खतरा रहता है। कई बार पशुओं की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में पशुओं की टैगिंग करके पहचान पत्र (12 अंकों का नंबर) प्रदान किया जा रहा है, जिससे अब मवेशियों की सारी जानकारी आॅनलाइन उपलब्ध होगी।
यहां जारी टीकाकरण अभियान
बता दें कि राजस्थान के कोटा जिले में केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत पशुओं में खुरपका-मुंहपका रोग से बचाव के लिए राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत पशुओं को एफएमड़ी वैक्सीनेशन किया जाना है। साथ ही मिशन पशु आरोग्य योजना के तहत पशुओं की पहचान के लिए कान में पीले रंग का 12 अंको का टैग लगाना भी अनिवार्य कर दिया गया है। अब हर पशुपालक को अपने पशु की यूआईडी टैगिंग करवानी होगी। पशु चिकित्सक के पास जाकर अपना आधार कार्ड और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर देना होगा, जिसके बाद पशु का रजिस्ट्रेशन कर दिया जाएगा।
बिना टैगिंग के नहीं लगेगी वैक्सीन
सरकार अब पशुपालन के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव कर रही है। लंपी जैसी बीमारियों से सबक लेकर अब पशुओं के स्वास्थ्य को लेकर सख्त रुख अपनाया जा रहा है। सरकार की गाइडनाइन्स के अनुसार, अब से उन्हीं मवेशियों का टीकाकरण किया जाएगा, जिनके पास आधार कार्ड (12 अंकों का यूआईडी टैग) होगा।
पशुओं को मिलेगा ऐसे लाभ
भारत के आम नागरिक की पहचान उसका आधार कार्ड है। इसी आधार पर सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। अब उसी तरह मवेशियों की यूआईडी टैगिंग करके 12 अंक का आधार नंबर जारी किया जा रहा है, जिसके आधार पर पशुपालक को अपने मवेशियों का कृत्रिम गभार्धान यानी आर्टिफिशियल इसेमिनेशन की सुविधा दी जाती है। इतना ही नहीं, इस टैगिंग से पशुओं के अगले-पिछले टीकाकरण की जानकारी पशुपालक के फोन ही उपलब्ध हो जाएगी और पशुपालन से जुड़ी तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ लेना भी आसान हो जाएगा।
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