खिजराबाद (सच कहूं/राजेन्द्र कुमार)। Khizrabad News: बार्डर एरिया से सटी मंडियां पूरी तरह से फसल की फर्जी खरीद का केंद्र बन चुकी है। यूपी, हिमाचलप्रदेश व उतराखंड तक की फसल इन मंडियों में बिकने आ रही है। करनाल से लेकर यमुनानगर तक पोर्टल पर कई बार फर्जी रजिस्ट्रेशन के मामले सामने आ चुके है इसके साथ ही कई बार एफआई आर तक दर्ज हो चुकी है मगर भ्रष्टाचार का पूरा खेल खुलेआम चल रहा है। Yamunanagar News
प्रतापनगर की मंडी में दूसरे राज्यों से सैकड़ों की संख्या में हर रोज टैंपो व ट्रालियां धान की फसल लेकर आ रही है मगर न तो मार्किट कमेटी न ही खाधय व आपूर्ति विभाग इसकी ओर ध्यान देता है। जब माल बाहरी राज्यों से आ रह है तो आखिर गेट पास कैसे जारी हो जाता है। जबकि गेट पास प्रदेश की जमीनों पर उगी फसल का जारी हो सकता है।इसका सीधा सा मतलब है कि कमीशन एजेंटस, मार्किट कमेटी व अन्य विभागों की मिलीभगत से यह खेल चल रहा है। बताया जाता है कि बाहरी राज्यों से आने वाले किसानों को कम रेट दिया जाता है जबकि सरकार से पूरा रेट वसूला जाता है इसके अलावा जो कमीशन सरकार से मिलना है वह तो मिल ही रहा है। इसकी वजह से बाहरी राज्यों की फसल को खरीदने में उत्सुकता दिखाई जाती है। Yamunanagar News
पोर्टल पर फर्जी रजिस्ट्रेशन के मामले से अब पंचायतें भी दुखी | Yamunanagar News
मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंचायतों की जमीनों के नंबर भी फर्जी तरीके से चढ़ा दिए जाते है जिससे पंचायतों द्वारा जिन किसानों को पटटे पर जमीन दी जाती है उसमें उगी फसल बिक नहीं पाती है। इससे किसानों व पंचायतों के बीच पटटे की राशि तक मामला फंस जाता है। पंचायतें कई बार इस बारे मे अपने आला अधिकारियों?को प्रस्ताव के माध्यम से यह शिकायत दे चुकी है मगर कोई समाधान नहीं होता है।
छछरौली खंड की पंचायत बरौली माजरा व चैली की पंचायतों ने कई बार इस संबंध में प्रस्ताव के माध्यम से षिकायत दी है मगर कोई सुनवाई नहीं होती है। पटटेदारों को अपनी फसल मंडी में नहीं बिक पाती व उनको औने पौने दामों पर अपनी फसल बेचनी पड़ती है। इसकी वजह से पंचायतों की जमीनों को पटटे पर देना मुष्किल हो गया है।
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