सिंगापुर (एजेंसी)। 12 जून को होने वाली ऐतिहासिक शिखर वार्ता के लिए उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन सिंगापुर के लिए रवाना हो गए हैं। इस हाई लेवल मीटिंग के चलते सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है, चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच बातचीत के लिए सिंगापुर को शायद इसलिए चुना गया क्योंकि सिंगापुर की छवि सख्त नियम और कानून वाले देश की है। यहां ऐतिहासिक शिखर वार्ता के लिए चल रही तैयारियों से लगता है कि यह दोनों देशों की उम्मीदों पर खरा उतरेगा।
वर्ष 2006 के बाद यह पहला मौका होगा जब सबसे बड़ी संख्या में ट्रंप और किम जोंग उन के वार्ता स्थल की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे। वर्ष 2006 में यहां अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष व विश्वबैंक की बैठक के दौरान 23 हजार अफसरों को तैनात किया गया था। सिंगापुर में की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस के साथ ही नेपाली गोरखों के कंधों पर है। ट्रंप-किम की वार्ता के दौरान पूरी तरह से चौकन्ने ये जवान सड़कों पर फैलकर चप्पे-चप्पे पर नजर रखेंगे और कार्यक्रम से जु़डे़ मुख्य स्थानों की ओर जाने वाले मार्गो को बंद कर देंगे। इस दौरान प्रदर्शन के तमाम तरीकों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कोई भी बैनर आदि लेकर नहीं चल सकेगा।
कुछ मुख्य सड़कों पर ठोस अवरोधक और बटन दबाते ही जमीन से निकलने वाले मैकेनिकल मेटल बैरियर्स लगाए जा सकते हैं। जिन स्थानों पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें रिसॉर्ट आइलैंड सेंटोसा शामिल है। यहीं दोनों नेता मुलाकात करेंगे। इसके अलावा जिस होटल में ट्रंप के रुकने की उम्मीद है उसकी ओर जाने वाला मार्ग भी बंद रहेगा। यहां के नागरिकों के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था, मेट्रो में वर्दीधारी अधिकरियों की गश्त अथवा हवाई अड्डों पर सशस्त्र सैनिकों की मौजूदगी आम बात है। सरकार ने अपने लोगों के दिलों दिमाग में यह बात गहराई से बैठा दी है कि दुनिया के अमीर स्थानों में शामिल यह जगह आंतकी हमलों के लिए मुख्य लक्ष्य हो सकती है।
सिंगापुर में इस बार की तैयारी अभूतपूर्व हो सकती है और इससे यहां रह रहे 56 लाख लोगों के रोजमर्रा के जीवन पर असर पड़ सकता है। संगीत शिक्षक जेनिस तान (28) ने कहा कि यह सुरक्षा व्यवस्था बेहद असुविधाजनक है। खासतौर पर सड़कों को बंद करने से असुविधा बढ़ गई है। उन्होंने कहा, ‘मुझे वैश्विक शांति की चिंता है, लेकिन अच्छा होता कि वे कहीं और बैठक करते।’ सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच शिखर वार्ता के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस ऐतिहासिक बैठक में किसी भी तरह की कठिनाई नहीं आने दी जाएगी। 12 जून को होने वाली इस बैठक के लिए बालाकृष्णन ने पिछले पांच दिनों में अमेरिका और उत्तर कोरिया की यात्रा की है।