वॉशिंगटन। अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प अगले महीने चीन के दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरान वो चीनी प्रेसिडेंट शी जिनपिंग से नॉर्थ कोरिया को समझाने के लिए दबाव बनाएंगे। इस दौरे को लेकर ट्रम्प का असल मकसद दुनियाभर के देशों से नॉर्थ कोरिया को अलग करना है। बता दें, नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर वेपन्स और मिसाइल प्रोग्राम को लेकर उसके और यूएस के बीच हाल के हफ्तों में तनाव काफी बढ़ गया है।
नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर टेस्ट
- नॉर्थ कोरिया 2006, 2009, 2013 और 2016 में न्यूक्लियर बम की टेस्टिंग कर चुका है।
- 9 अक्टूबर, 2006 – पहली बार जमीन के अंदर किया न्यूक्लियर टेस्ट। यूएस से एटमी वॉर का बताया था खतरा।
- 25 मई, 2009 – दूसरी बार किया एटमी टेस्ट।
- 13 जून, 2009 – यूरेनियम एनरिचमेंट करेगा। इसे प्लूटोनियम बेस्ड रिएक्टर बनाने की संभावना माना गया।
- 11 मई, 2010 – न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर बनाने का दावा किया।
- आशंका जताई गई कि नॉर्थ कोरिया ज्यादा पावरफुल बम बनाएगा।
- 13 फरवरी, 2013 – तीसरी बार न्यूक्लियर टेस्ट किया।
- 10 दिसंबर, 2015 – तानाशाह उन का दावा- हासिल की हाइड्रोजन बम टेस्ट की कैपिबिलिटी।
- 6 जनवरी, 2016 – हाइड्रोजन बम का टेस्ट किया।
- सितंबर, 2016 – पांचवां एटमी टेस्ट किया।
- 3 सितंबर, 2017 – छठा एटमी टेस्ट किया। ये हाइड्रोजन बम था।