बठिंडा(अशोक वर्मा)। केन्द्रीय जेल बठिंडा (Bathinda Jail) में कैदी अब मोबाईल फोन रखने से नहीं डरते क्योंकि पुलिस प्रशासन की ओर से आज तक किसी भी कैदी पर केस दर्ज करवाने के अलावा ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
बठिंडा पुलिस के तथ्य गवाह हैं कि इस केंद्रीय जेल में बंद कैदियों को कानून की कोई परवाह नहीं है, जिस कारण जेल में से अक्सर मोबईल फोन बरामद होने के मामले सामने आते रहते हैं। जेल विभाग की ओर से जेलों में 4जी जैमर लगाए जाने की योजना थी परंतु यह भी सिरे नहीं चढ़ सकी है।
जेल प्रशासन की भी इस में मिलीभुगत का अंदेशा जताया जा रहा है क्योंकि जब किसी हवालाती या कैदी से मोबाईल फोन पकड़ा जाता है तो जेल प्रशासन कार्रवाई के लिए जिला पुलिस को पत्र लिख कर अपना पल्ला झाड़ लेता है पुलिस केस दर्ज करती है परंतु आगे से उसकी तरफ से इन मामलों को संजीदगी के साथ नहीं लिया जाता है।
पिछले एक माह दौरान आधी दर्जन के करीब मामले जेल मैनुअल का उल्लंघन करने के साथ सबंधित दर्ज हुए हैं। इनमें दो मामलों का सीधे तौर पर संबंध दो खतरनाक गैंगस्टरों के साथ है।
बीती 20 जुलाई को गैंगस्टर रणदीप कुमार उर्फ टोपी को पुलिस अमृतसर से पेशी भुगता कर लाई थी जब जेल आधिकारियों ने वापिसी पर तलाशी ली तो जेल अंदर लेजाने के लिए गैंगस्टर से सैंडल में छुपा कर लाया कीमती मोबाईल व चार्जर बरामद हुआ था।
सूत्र बताते हैं कि यह समान टोपी को उसके साथी गैंगस्टर ने पकड़ाया था, इस तरह ही 2 अगस्त को जेल आधिकारियों की ओर से तलाशी लेने पर जेल में बंद गैंगस्टर मनोज कुमार उर्फ मौजी के पास से चार्जर व मोबाईल लीड बरामद हुए हैं मौजी इस मामले में पहले भी चर्चा का विषय बना रहा है।
जेलोें (Bathinda Jail) से मोबाईल बरामद होने के मामले में महिलाएं भी नहीं पीछे
केंद्रीय जेल बठिंडा में तलाशी दौरान 28 फरवरी को भी जेल प्रशासन ने मोबाईल मिलने के मामले में एक महिला सहित 12 व्यक्तियों के खिलाफ थाना नथाना में मामला दर्ज करवाया था। किसी महिला कैदी के खिलाफ यह पहला मामला था, जिसमें मोबाईल फोन मिलने की बात कही गई है। इसी तरह ही अर्शदीप सिंह निवासी हरराएपुर के पास से ब्लॉक नंबर 4 की बैरक नंबर 4 में से मोबाईल सहित बैटरी और सिम बरामद हुई थी।
पिछले माह 13 जुलाई को सत्तपाल सिंह के पास से भी मोबाईल मिला है। इस तरह ही तीन अगस्त को सीता सिंह निवासी माखा के पास से मोबाईल, सिम व बैटरी बरामद हुई हैं। यह पिछले एक माह के विवरण हैं पिछले छह वर्षों दौरान कैदियों और हवालातियों के पास से करीब पांच दर्जन मोबाईल वगैरह मिल चुके हैं और यह सिलसिला लगातार जारी है।
पंजाब में सबसे अधिक मोबाईल फोन केंद्रीय जेल पटियाला व लुधियाना में से किए गए हैं बरामद
सूत्र बताते हैं कि अदालत में तारीख भुगतने गए हवालाती छुपाकर मोबाईल फोन अपने साथ ले आते हैं ऐसे ही कैदी छुट्टी काटने बाद में जेल में मोबाइल ले आते हैं हालांकि पंजाब में सबसे अधिक मोबाईल फोन केंद्रीय जेल पटियाला व लुधियाना में से पकडे गए हैं परंतु अब बठिंडा जेल भी किसी बातों कम नहीं रह गई है। इस जेल में ए-कैटागिरी के कई गैंगस्टर बंद हैं, जिनकी तरफ से फेसबुकके प्रयोग के चर्चे चलते रहते हैं।
जेल सुपरडैंट की ओर से हर मोबाईल फोन पकडेÞ जाने बाद में जिला पुलिस कप्तान को पत्र लिखा गया है परंतु पुलिस ने किसी भी केस में कार्रवाई नहीं की है। सूत्रों मुताबिक अपराधी जेलों में से मोबाईल फोन के जरिये अपना आर्थिक ताना-बाना बरकरार रखते हैं। जेल विभाग की ओर से जेलों में पीसीओ भी खोले गए थे परंतु मोबायल का प्रयोग फिर भी नहीं रुका है।
पुलिस केस दर्ज करवाता जेल प्रशासन
जेल सुपरडैंट सुखविन्दर सिंह सहोता ने कहा कि तलाशी लेने पर जो भी मोबाईल मिलता है उस संबंधी पुलिस केस दर्ज करवाया जाता है।
बकायदा सजा का भी प्रावधान
फौजदारी मामलों के माहिर एडवोकेट रणजीत सिंह जलाल ने कहा कि जेलों में वर्जित वस्तुएं पकडेÞ जाने की सूरत में जेल मैनुअल में बाकायदा सजा का भी प्रावधान है। उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन जेल मैनुअल अनुसार कार्रवाई करने की जगह पुलिस को पत्र लिख कर पल्ला झाड़ लेता है।
हर मामले में की जाती है कानूनी कार्रवाई : एसपी
एसपी (इन्वेस्टिगेशन) स्वर्न सिंह खन्ना ने कहा कि मोबाईल फोन मिलने संबंधी हर मामले में बनती कानूनी कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि पुलिस पर संजीदगी न बरतने के आरोप सही नहीं हैं।
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