तिरंगा फहराने के लिए, हमने कई वर्ष संघर्ष किया, कई बलिदान दिए, कई जिंदगिंया गर्क हुई- विज
चण्डीगढ़ (अनिल कक्कड़)। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि ‘‘किसी की मां ने दूध नहीं पिलाया कि भारत (हिंदुस्तान) की धरती पर तिरंगा फहराने से कोई रोक सकें’’। विज ने यह बात आज खालसा संगठन और खालिस्तान द्वारा हरियाणा के अलग-अलग मोबाइल फोन पर आ रही धमकियों व मुख्यमंत्री को आई धमकी, कि तिरंगा नहीं फहराने देंगें, केे संबंध में कही। उन्होंने कहा कि ‘‘तिरंगा फहराने के लिए हैं, हमने कई वर्ष संघर्ष किया है, कई बलिदान दिए हैं, अनेकों जिंदगियां अण्डेमान-निकोबार की काल कोठड़ियों में गर्क हो गई है और आज अगर तिरंगे के खिलाफ कोई बात करता है तो 139 करोड़ लोगों का देश है, जब ये खड़ा होगा न, तो सबके होश ठिकाने आ जाएंगें’’।
भारत की महिला हॉकी टीम की बेटियों ने किया कमाल-विज
विज ने कहा भारत महिला हॉकी टीम की बेटियों ने कमाल किया है। उन्होंने कहा कि मैंने भारत की महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल से फोन पर बात की और बधाई व शुभकामनाएं दी। विज ने बताया कि फोन पर बात करने पर उन्होंने पाया कि टीम की कप्तान आत्मविश्वास से लबरेज थी और उनमें जोश था। कप्तान के आत्मविश्वास व जोश को देखते हुए उन्हें लगता है कि आगे के मैच भी भारत की महिला हाकी टीम जीतेगी। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि भारत की हाकी टीम ओलंपिक के अंतिम लक्ष्य तक पहुंचेगी और स्वर्ण पदक लेकर आएगी।
हरियाणा के अन्य खेलों के विजेता खिलाड़ियों को मुबारकबाद- विज
विज ने हरियाणा के अन्य खेलों के विजेता खिलाड़ियों को मुबारकबाद देते हुए कहा कि भारत के खेल में हरियाणा का बहुत बड़ा योगदान है और हरियाणा उस योगदान को मान्यता (रिकोगनाइज) भी देता है। उन्होंने कहा कि ‘‘मैं जब खेल मंत्री था, मैंने ओलंपिक से स्वर्ण पदक लाने वाले खिलाड़ी को 6 करोड़ रूपए देने की घोषणा की थी और सरकारी नौकरी देने की घोषणा भी की थी और हम इसको मानते भी हैं’’।
सत्ता चर्चा करना चाहती है और विपक्ष भाग रहा है
लोकसभा व राज्यसभा की कार्यवाही को विपक्ष द्वारा न चलने देने पर विज ने कहा कि मेरा 40 से 45 साल का अनुभव है, जब किसी राजनेता को बोलने न आता हो, तो वह इधर-उधर बगले झांकने लगता है, वहीं हाल आज विपक्ष का है। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष तो पूरी चुनौती दे रहा है।
जबकि हमेशा होता उल्टा है कि विपक्ष मांग करता रहा है, हम चर्चा करना चाहते हैं और सत्ता पक्ष माना नहीं करते। उन्होंने कहा कि कई विधानसभाओं से, खासतौर से हमारी विधानसभा में पिछले राज में ऐसा होता रहा है लेकिन यहां बिल्कुल उल्टा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आप (विपक्ष) कोई भी प्रश्न उठाएं, हम उसका उत्तर दंेंगे। लेकिन लोकसभा में प्रश्न उठाने का बाकायदा लिखित कायदा है, वहां हा-हा-हा–हु-हु-हु करने से प्रश्न नहीं उठाए जा सकते।
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