किसानों को कर्ज लौटाने की जरूरत नहीं: सीएम

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कैप्टर अमरिंदर सिंह बोले, कर्ज माफी संबंधी अधिसूचना शीघ्र जारी होगी

  • कृषि क्षेत्र की समस्याएं विचारने के लिए किसान संगठनों से बैठक
  • चुनाव घोषणा पत्र के एक-एक वायदे को पूरा किया जाएगा

चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कर्ज माफी संबंधी फैसले को अमल में लाने के लिए अधिसूचना शीघ्र जारी करने का भरोसा देते हुए स्पष्ट किया कि जिन किसानों का कर्ज माफ हो चुका है, उन्हें कर्ज की पुन: अदायगी करने से तुंरत तौर पर मुक्त किया जाता है।

केंद्र पर बनाएंगे दबाव: विभिन्न किसान संगठनों से बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार स्वामीनाथन कमिशन की सिफारिशों को लागू करने के लिए केन्द्र सरकार पर अपना दबाव जारी रखेगी।

बैठक में शामिल सभी किसान संगठनों ने किसानों की समस्याओं का पूर्ण हल निकालने के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट अमल में लाने में एक सुर पहुंच अपनाई। मुख्यमंत्री ने फिर किसानों को भरोसा दिलाया कि यह उनके एजेंडे में सबसे ऊपर है और किसानों के दुख तकलीफें दूर करने के लिए वह प्रयास करेंगे।

सरकार कर्ज माफी के लिए वचनबद्ध

मुख्यमंत्री ने किसान संगठनों को भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार किसान भाईचारे को दरपेश समस्याएं सुलझाने के लिए किसान प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श का दौर जारी रखेगी। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार किसानों का कर्ज माफ करने के लिए पूरी तरह वचनबद्ध है चाहे कि सरकारी खजाने पर उनके अनुमान से कही अधिक कर्ज का बोझ है। उन्होंने कहा कि खेती को लाभप्रद बनाने के वायदे से पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में किये 49 वायदों में से एक एक वायदा पूरा किया जाएगा।

आढ़तियोंं से तालमेल बनाएगी सब-कमेटी

आढ़तियों के कर्ज संबंधी व्यक्त की आशंकाओं संंबधी समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गैर संस्थागत कर्ज के मसले का हल निकालने के लिए आढ़तियों से बातचीत करने हेतू केबिनेट सब-कमेटी का गठन पहले ही किया जा चुका है।

एसवाईएल: हरियाणा को एक बूंद पानी भी नहीं देंगे

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने एक बार फिर दोहराया कि पंजाब के पास किसी अन्य राज्य को देने के लिए एक बंूद भी अतिरिक्त पानी नही है। उन्होने कहा कि यदि सतलुज-यमुना लिंक नहर बन गई तो पंजाब के दक्षिणी क्षेत्र की दस हजार एकड़ भूमि बंजर हो जाएगी।

उन्होंने इस पेचीदा मसले का हल निकालने के लिए बातचीत का सिलसिला जारी रखने की वकालत करते हुए कहा कि पंजाब अन्य राज्यों को पानी देने की आज्ञा नही देगा और इस मसले को सुलझाने के लिए वित्त मंत्री के नेतृत्व में कमेटी द्वारा कार्य किया जा रहा है।

संगठनों ने ये मांगें भी उठाई

  • लम्बे समय से पंचायती/ शामलाट जमीन में खेती कर रहे काश्तकारों को मालकी हक देने
  • आवारा पशुओं का उचित प्रंबध
  • किसानों की सहमति के बिना भूमि को एक्वायर करने से रोकने
  • मुख्यमंत्री ने इन मांगों पर गौर करके हल संभव कदम उठाने का भरोसा दिया।

 

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