नई दिल्ली/चंडीगढ़। सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर का विवाद सुलझाने के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। समय पूरा हो जाने के कारण कोर्ट ने सुनवाई की डेट आगे बढ़ा दी। एसवाईएल पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अब इस मामले को सुलझाने के लिए 3 बार बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन मामला फिर भी वहीं का वही है। उन्होंने कहा है कि अब सुप्रीम कोर्ट की इस मामले को सुलझाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने एसवाईएल मामले में 10 नवंबर 2016 को हरियाणा के पक्ष में फैसला दिया था। कोर्ट ने आदेश दिया था कि एसवाईएल का बकाया काम पूरा कर हरियाणा को पर्याप्त पानी दिया जाए।
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28 जुलाई 2020 को कोर्ट ने केन्द्र सरकार को दोनों राज्यों के बीच मध्यस्थता का आदेश दिया। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यह मध्यस्थता की, मगर कोई नतीजा नहीं निकला। इस मुद्दे पर पंजाब का रवैया बिल्कुल स्पष्ट है। पंजाब की सरकारें समय-समय पर कहती रही हैं कि राज्य के पास किसी को देने के लिए सरप्लस पानी नहीं है। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने इसी मुद्दे पर पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से बातचीत की थी, जिसमें कैप्टन ने पंजाब का स्टैंड दोहराया था।
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