फिरोजपुर फीडर में प्रवाहित हो रहा अधिक साफ पानी
हरीकेहैड से हरदीप सिंह/सच कहूँ न्यूज। इंदिरा गांधी नहर, गंगनहर और भाखड़ा नहर में पंजाब से आ रहे जहरीले पानी की गुणवत्ता में सुधार होने लगा है। ब्यास व सतलुज नदियों के संगम स्थल हरिके हेड पर बुधवार को मटमैले दूषित काला पानी कुछ साफ हुआ लेकिन पूरी तरह से पानी साफ न होने के कारण यह अभी पीने लायक नहीं है। हालातों में कुछ सुधार होने पर राजस्थान व पंजाब के सिंचाई अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली है। बुधवार को हरिके हेड से निकलने वाली फिरोजपुर फीडर में राजस्थान कैनाल की अपेक्षा साफ पानी प्रवाहित हो रहा था। इस कारण संभावना जताई जा रही है कि अभी नहरों में प्रवाहित हो रहे जहरीले पानी की गुणवत्ता पूरी तरह से सुधरने में दो-तीन दिन का समय और लग सकता है।
तब तक जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से नहरों का पानी डिग्गियों में स्टोरेज न करने की हिदायत दी गई है। उधर जहरीले पानी से मछलियां, कछुए व पानी वाले सांपों के मरने से पानी बहुत बदबू मार रहा है। यह पानी मानव जीवन के साथ ही जीव-जंतुओं व पशुओं के लिए मुसीबत बन गया है। गौरतलब है कि पंजाब की एक शुगर मिल ने जहरीला शीरा ब्यास नदी में छोड़ दिया। इसी नदी का पानी पंजाब से राजस्थान आ रही इंदिरा गांधी नहर, गंगनहर और भाखड़ा नहर में आ गया है। जहरीला पानी आने के कारण हनुमानगढ़ जिले के 245 और श्रीगांनगर जिले के 250 मोघे बंद कर दिए हैं। इससे जहरीला पानी जलदाय विभाग की डिग्गियों में ना आ सके। जहरीले पानी के कारण इन तीनों नदियों में लाखों की संख्या में मछलियां मर गई हैं। पंजाब से आ रहे जहरीले पानी के कारण एक तरफ तो लोगों में दहशत का माहौल है, वहीं जलदाय और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
निर्धारित समय पर दो दिन में एक बार मिलेगा पानी
श्रीगंगानगर। नहरों में जहरीला पानी आने के कारण जलदाय विभाग पेयजल डिग्गियों में पानी का भण्डारण नहीं कर रहा है। डिग्गियों में पानी की उपलब्धता काफी रह गई है। ऐसे में विभाग ने शहरी इलाके में दो दिन में एक बार पेयजल सप्लाई की व्यवस्था लागू कर रखी है। विभाग के अधिशाषी अभियंता वीके जैन के अनुसार एक दिन छोड़कर पानी की सप्लाई पूर्व निर्धारित समयानुसार दी जा रही है। जलदाय विभाग ने वाटरवर्क्स की डिग्गियों में जल भण्डारण पर रोक लगाने के चलते शहरी और ग्रामीण इलाकों में एक दिन छोड़कर पेयजल की सप्लाई दी जा रही है। इससे कुछेक इलाकों में पेयजल किल्लत के हालात पैदा हो गए हैं। पुरानी आबादी के वार्ड नं. 2 व 3, सेतिया कॉलोनी, इंदिरा कॉलोनी क्षेत्र में लोग पीने के पानी की तलाश में बर्तन व बाल्टियां लेकर भटक रहे हैं।
पुरानी आबादी के वार्ड नं. 11 में कल शाम से ऐसे ही हालात बने हुए हैं। एन ब्लॉक में भी लोग मंगलवार देर रात तक पार्क में लगे टयूवैल से पानी लेने के लिए पहुंचते रहे। यही स्थिति बुधवार दिन में भी बनी रही। वार्ड नं. 20 की सेतिया कॉलोनी में मंगलवार शाम को दो दिन बाद पेयजल सप्लाई दी गई, लेकिन यह भी टेल पर रह रहे उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच पाई। गली नं. 2 व 3 के लोग आधी रात तक पानी का इंतजार करते रहे। इस बारे में जानकारी के लिए जलदाय विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क का प्रयास किया गया तो उनके मोबाइल स्विच आॅफ मिले। पुरानी आबादी के वार्ड नं. 3 में तो टैंकर से जलापूर्ति का प्रयास किया गया है। बाकी इलाकों में स्थिति गम्भीर बनी हुई है।