चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने अनाज मंडियों का दौरा करने के बाद कहा है कि प्रदेश सरकार के गेहूं खरीद (Wheat Procurement) को लेकर मंडियों में किये पुख्ता प्रबंध करने के सभी दावे फेल हैं। गर्ग ने शनिवार को कहा कि गेहूं खरीद के लिए मंडियों के अलावा गांव स्तर पर जो खरीद सेंटर बनाए हैं उनमें न तो सफाई व्यवस्था, पीने का पानी, किसान भवन में किसानों के लिए ठहरने, चाय, पानी व खाने की कोई व्यवस्था नहीं है। मंडियों में बेसहारा पशुओं की भरमार है।
उन्होंने मुख्यमंत्री के गेहूं उठान 24 घंटे में करने व 72 घंटे में गेहूं खरीद का भुगतान करने के दावों को भी झूठ का पुलिंदा बताया है। उन्होंने कहा कि मंडियों से गेहूं खरीद का उठान कई-कई दिनों तक पैसे खाने के चक्कर में ठेकेदार नहीं करते है। गर्ग ने कहा कि सरकार के चहेते ठेकेदार गेहूं उठान के नाम पर आढ़तियों से तीन रुपए से लेकर सात रुपए कट्टे तक अवैध वसूली करके करोड़ों रुपए एक सीजन में नाजायज तरीके से कमा रहे हैं। सरकार को ऐसे ठेकेदारों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जो ठेकेदार गेहूं उठाने में देरी करें उसका ठेका तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए।
उन्होंने कहा कि सरकार हर साल गेहूं व धान की खरीद के सीजन में गेहूं व धान उठान व भुगतान के लंबे चौड़े दावे करती है। मगर हर बार धान व गेहूं का उठान काफी लेट होने के साथ-साथ भुगतान काफी लेट किया जाता है। उनके अनुसार सरकार को अपनी घोषणा के अनुसार गेहूं का उठान 24 घंटे व फसल का भुगतान 72 घंटे के अंदर-अंदर करना चाहिए। गेहूं उठान लेट होने पर गेहूं (Wheat Procurement) में जो भी घटती आए, उस घटती के पैसे आढ़तियों से वसूलने की बजाए। गेहूं खरीद एजेंसी के अधिकारी व ठेकेदारों से वसूले जाए क्योंकि गेहूं खरीद होने के बाद गेहूं सरकारी एजेंसी की हो जाती है। ऐसे में घटती के नाम पर आढ़तियों के पैसे काटना सरासर गलत है।
गर्ग ने कहा कि जबकि सरकार ने एक अप्रैल के गेहूं खरीद का आढ़तियों का कमीशन व पलेदारों की मजदूरी 10 महीने के बाद दी है जो सरासर गलत है। सरकार को गेहूं खरीद (Wheat Procurement) के भुगतान के साथ-साथ आढ़तियों का कमीशन व पलेदारों की मजदूरी का भुगतान करना चाहिए।
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