मसीहा बनकर आई निर्मला इन्सां, गुर्दादान कर बचाई मरीज की जान

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पूज्य गुरुजी की प्रेरणाओं पर चलते हुए 25 बार कर चुकी हैं रक्तदान

हनुमानगढ़ (सच कहूँ/हरदीप सिंह)। मानवता भलाई के कार्यांे में दिन-रात जुटे डेरा सच्चा सौदा के सेवादार समाज के सामने अनूठी मिसाल कायम कर रहे हैं। जरूरतमंद की मदद करने से वे पीछे नहीं हटते। कई बार वे इन्सानियत की ऐसी इबारत लिखते हैं, जो हर किसी के बस की बात नहीं है। ऐसा ही उदाहरण पेश किया है कि एक डेरा प्रेमी बहन ने। जिन्होंने एक ऐसे मरीज के लिए इलाज के लिए अपना गुर्दा दान कर दिया, जिसे वे जानती तक नहीं। लेकिन पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए डेरा प्रेमी बहन ने जरूरतमंद मरीज को गुर्दादान कर उसकी जान बचाई।

मरणोपरांत देहदान का भी लिया हुआ है संकल्प

प्रेमी जगजीत सिंह इन्सां ने बताया कि जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में उपचाराधीन राजेश कुमार (44) पुत्र कृष्णलाल निवासी भगवानपुरा तहसील टिब्बी जिला हनुमानगढ़ राजस्थान के ईलाज के लिए चिकित्सकों ने गुर्दे की आवश्यकता जताई। इस पर परिजनों ने इधर-उधर पड़ताल शुरू की। इसी बीच जिम्मेवारों के जरिये हरियाणा के जिला कुरुक्षेत्र के ब्लॉक इस्माईलाबाद के गांव झांसा निवासी बहन निर्मला रानी इन्सां (50) पत्नी राजेन्द्र कुमार इन्सां को इसकी जानकारी मिली तो वे गुर्दा देने के लिए तैयार हो गर्इं। इसके बाद उन्होंने जयपुर के एसएमएस अस्पताल जाकर अपना गुर्दा दान कर जरूरतमंद मरीज के इलाज में सहयोग किया।

राजेश कुमार इन्सां के परिजनों ने गुर्दादानी बहन निर्मला रानी इन्सां का आभार जताते हुए कहा कि वे उनका यह अहसान जिंदगी भर नहीं चुका पाएंगे।गौरतलब है कि बहन निर्मला रानी पूज्य गुरुजी की प्रेरणाओं पर चलते हुए अब तक 25 बार जरूरतंमद मरीजों को रक्तदान कर चुकी हैं। उन्होंने मरणोपरांत देहदान का भी संकल्प लिया है। ऐसे में कहा जा सकता है कि ऐसे विरले ही लोग होते हैं जो जिंदगी भर दूसरों के लिए जीते हैं।

 

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