गुनाहगारों को तीन मार्च को फांसी दी जानी है | Nirbhaya
नई दिल्ली (एजेंसी)। उच्चतम न्यायालय ने देश को (Nirbhaya: Hearing on Center’s appeal postponed till 5 March) दहला देने वाले निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या काण्ड के दोषियों को अलग-अलग फांसी देने संबंधी केंद्र एवं दिल्ली सरकार की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई पांच मार्च तक के लिए मंगलवार को टाल दी। न्यायमूर्ति आर भानुमति की अध्यक्षता वाली विशेष खंडपीठ ने यह कहते हुए याचिका की सुनवाई पांच मार्च तक के लिए टाल दी कि गुनाहगारों को तीन मार्च को फांसी दी जानी है, इसलिए वह डेथ वारंट के निष्पादन का इंतजार करेगी।
केंद्र सरकार ने उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमे उसने कहा है कि चारों दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं हो सकती।
अलग-अलग समय पर फांसी नहीं दी जा सकती
गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को अपने फैसले में कहा कि निर्भया के चारों दोषियों को अलग-अलग समय पर फांसी नहीं दी जा सकती जबकि केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में कहा था कि जिन दोषियों की याचिका किसी भी फोरम में लंबित नहीं है, उन्हें फांसी पर लटकाया जाए। एक दोषी की याचिका लंबित होने से दूसरे दोषियों को राहत नहीं दी जा सकती।
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