कोर्ट बोली-याचिका में कोई आधार नहीं दिखता
नई दिल्ली (एजेंसी)। निर्भया के हत्यारे मुकेश की फांसी से बचने की आखिरी कोशिश बुधवार को नाकाम हो गई। उच्चतम न्यायालय ने दया याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ उसकी अपील निरस्त कर दी। न्यायमूर्ति आर. भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की विशेष खंडपीठ ने मुकेश की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि उसमें कोई आधार नहीं दिखता। कोर्ट ने गुनहगार मुकेश की दया याचिका खारिज करने को चुनौती संबंधी अपील पर फैसला मंगलवार को सुरक्षित रख लिया था। खंडपीठ के सामने मुकेश की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश ने दलीलें रखी थी। जबकि दिल्ली सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें पेश की थी। न्यायालय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दया याचिका के साथ राष्ट्रपति को पर्याप्त दस्तावेज उपलब्ध कराए थे।
क्या है पूरा मामला – Nirbhaya Case in Hindi – Full Details
- 16 दिसंबर, 2012: दिल्ली के मुनीरका में 6 लोगों ने चलती बस में पैरामेडिकल की छात्रा से दरिदंगी की।
- वारदात के बाद बाद युवती और उसके दोस्त को चलती बस से बाहर फेंक दिया था।
- 18 दिसंबर, 2012: दिल्ली पुलिस ने चारों दोषियों राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को गिरफ्तार किया गया।
- 21 दिसंबर, 2012: पुलिस ने एक नाबालिग को दिल्ली से और छठे दोषी अक्षय ठाकुर को बिहार से गिरफ्तार किया।
- 29 दिसंबर, 2012: पीड़िता का दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज चल रहा था।
- हालत में सुधार नहीं होने पर पीड़िता को सिंगापुर भेजा गया, जहां उसकी मौत हो गई।