– सातवें दिन भी भूख हड़ताल पर डटे रहे नौ किसान
हनुमानगढ़। नोहर फीडर में 332 क्यूसेक पानी चलाने व नोहर फीडर की रि-मॉडलिंग करवाने की मांग को लेकर संयुक्त किसान संघर्ष समिति नोहर फीडर के बैनर तले जिला कलक्ट्रेट के समक्ष चल रहा जसाना वितरिका के नौ किसानों का आमरण अनशन शुक्रवार को सातवें दिन भी जारी रहा। उधर, प्रशासन की ओर से नियमित रूप से सुबह-शाम भूख हड़ताल पर बैठे किसानों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। शुक्रवार को भी चिकित्सकों की टीम ने धरनास्थल पर पहुंचकर सभी नौ किसानों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। स्वास्थ्य परीक्षण में तीन किसानों का बीपी बढ़ा हुआ पाया गया। जबकि एक किसान के स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट होना दर्ज किया गया। भूख हड़ताल पर बैठे किसानों का स्वास्थ्य परीक्षण करने वाले डॉ. इन्द्रसेन झाझड़ा ने बताया कि शुक्रवार को तीन किसानों का ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ था। जबकि सतपाल पुत्र कुरड़ाराम के स्वास्थ्य में और गिरावट दर्ज की गई। जरूरत पडऩे पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जाएगा। उधर, इससे पहले गुरुवार रात्रि को संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की जिला कलक्टर रुक्मणि रियार व जल संसाधन विभाग उत्तर संभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता अमरजीत मेहरड़ा से भी अलग-अलग वार्ता हुई। जिला कलक्टर ने एक-दो दिन में इस संबंध में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
स्वास्थ्य परीक्षण में तीन किसानों का बीपी बढ़ा हुआ मिला
इसके बाद मुख्य अभियंता से हुई वार्ता में मुख्य अभियंता ने किसानों को आश्वस्त किया कि इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए राजस्थान सरकार व विभाग लगातार प्रयासरत है। जल्द ही कोई सकारात्मक परिणाम सामने आएगा। मुख्य अभियंता ने किसान प्रतिनिधियों से भूख हड़ताल समाप्त करने का आग्रह किया लेकिन उन्होंने मांगें न माने जाने तक पीछे हटने से स्पष्ट इन्कार कर दिया। संघर्ष समिति के गोपीराम स्वामी ने कहा कि सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता की ओर से पूर्व से ही टालमटोल की जा रही है जो वार्ता में भी जारी रही। इस कारण वार्ता विफल रही। इस पर किसानों ने निर्णय लिया है कि जब तक समस्या का समाधान नहीं होगा तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी। उनकी मुख्य मांग है कि सिंचाई विभाग सीपी 4 पर शेयर अनुसार 332 क्यूसेक पानी लेकर आए। पूरा पानी न मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा। शुक्रवार को भी काशीराम ढुकिया, बोहड़सिंह, रमेश घणघस, लालचंद, जयसिंह, ओमप्रकाश महरिया, भानीराम ज्याणी, रमेश कुमार, सतपाल पूनिया आमरण अनशन पर बैठे। इनके समर्थन में कई किसान धरने पर बैठे।
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