गांधीनगर (सच कहूँ न्यूज)। गुजरात को नया मुख्यमंत्री मिल गया है, भूपेंद्र पटेल ने सोमवार दोपहर को गांधीनगर स्थित राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ लीl केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा के दिग्गज नेता इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद रहे l
वहीं डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, मैं लोगों के दिलों में रहता हूं और उन्हें वहां से कोई नहीं निकाल सकता। उन्होंने आगे कहा कि वो अकेले नहीं है जिनकी बस छूटी है, बल्कि उनके जैसे कई और भी हैं।
Congratulations to Bhupendra Bhai on taking oath as CM of Gujarat. I have known him for years and have seen his exemplary work, be it in the BJP Organisation or in civic administration and community service. He will certainly enrich Gujarat’s growth trajectory. @Bhupendrapbjp
— Narendra Modi (@narendramodi) September 13, 2021
विजय रूपाणी ने अचानक दिया था इस्तीफा
During his five years as CM, Vijay Rupani Ji has undertaken many people-friendly measures. He worked tirelessly for all sections of society. I am certain he will continue to contribute to public service in the times to come. @vijayrupanibjp
— Narendra Modi (@narendramodi) September 13, 2021
ज्ञातव्य है कि गुजरात में पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के अचानक इस्तीफा देने के एक दिन बाद कल जबरदस्त राजनीतिक गहमागहमी और अटकलबाजियों के बीच भूपेन्द्र रजनीकांत पटेल को उनका उत्तराधिकारी चुन लिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती आनंदीबेन पटेल के करीबी 59 वर्षीय पटेल वर्ष 2017 के पिछले चुनाव में ही पहली बार विधायक चुने गए थे। वह श्रीमती पटेल के विधानसभा क्षेत्र अहमदाबाद के घाटलोडिया से एक लाख से अधिक वोटों से जीते थे। घाटलोडिया पटेल के स्वजातीय पाटीदार समुदाय की बहुलता वाला विधानसभा क्षेत्र है। वह मूल रूप से अहमदाबाद के ही रहने वाले है।
भाजपा का सबको चौकाने वाला निर्णय
उनके नाम की घोषणा से एक बार फिर भाजपा का सबको चौकाने वाला निर्णय सामने आया है। हालांकि पूर्व की अटकलों के अनुरूप पटेल पाटीदार समुदाय से ही आते हैं पर उनके नाम की दूर-दूर तक कोई चर्चा नहीं थी। भाजपा विधायक दल की बैठक में रूपाणी ने भूपेन्द्र पटेल के रूप में एकमात्र नाम का प्रस्ताव किया जिसका अनुमोदन पूर्व उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल समेत अन्य विधायकों ने किया। उन्हें सर्वसम्मति से चुन लिया गया।
पेशे से बिल्डर रहे पटेल उस सरदारधाम ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं जिसके भवन का उद्घाटन अहमदाबाद में आॅनलाइन परसों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। उसी कार्यक्रम के बाद रूपाणी ने अचानक इस्तीफा दे दिया था। अहमदाबाद अर्बन डिवेलप्मेंट अथॉरिटी के प्रमुख रहे पटेल कार्यकाल के हिसाब से गुजरात के 22 वें तथा चेहरे के लिहाज से 17 वें मुख्यमंत्री होंगे।
राज्य में जातीय समीकरण का संतुलन साधने भाजपा ने चली चाल
ज्ञातव्य है कि रूपाणी के इस्तीफे के बाद से अधिकतर राजनीतिक प्रेक्षकों का यह मानना था कि अगला मुख्यमंत्री राज्य में दबंग माने जाने वाले पाटीदार समुदाय का होगा। और ऐसा हुआ भी। पर जो नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में आगे माने जा रहे थे उनमें पाटीदार जाति के दो केंद्रीय मंत्री सर्वश्री मनसुख मांडविया, परशोत्तम रूपाला, उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल, राज्य भाजपा उपाध्यक्ष गोरधन झड़फिया, पूर्व मंत्री प्रफुल्ल पटेल, निवर्तमान कृषि मंत्री आर सी फलदु प्रमुख थे। इनके अलावा राज्य के कानून मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा, भाजपा प्रमुख सी आर पाटिल, वन मंत्री गणपत वसावा जैसे गैर पाटीदार नेताओं के नाम भी इस रेस में शामिल बताए जा रहे थे।
वैसे भाजपा आलाकमान को ऐसे मामलों में ‘आश्चर्य’ में डालने वाले फैसले लेने के लिए पहले से जाना जाता रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में अगले साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। बताया जा रहा है कि राज्य में जातीय समीकरण का संतुलन साधने के लिए अन्य पिछड़ी जाति तथा आदिवासी समुदाय के दो विधायकों को उप मुख्यमंत्री का पद दिया जा सकता है। माना जा रहा है कि शाह की मौजूदगी में मंत्रियों की सूची को आज ही अंतिम रूप दिया जा सकता है।
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