सरसा। पूज्य गुरु संत डॉॅ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की बेटी ‘रूह दी’ हनीप्रीत इन्सां ने इंस्ट्राग्राम पर एक नई रील अपलोड की है। रील में पूज्य गुरु जी और हनीप्रीत इन्सां मॉर्निंग वॉक करते हुए देखा जा सकता है। रील में बापू नाल खड़ा रही मेरे, पुत तेरा दुनिया जित लूंगा, चल रहा है। वीडियो देखने के लिए इस पर क्लिक करें।
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अगर पेट कम करना है तो पैदल चलने की बजाय करें जॉगिंग : पूज्य गुरु जी
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने बरनावा आश्रम में फरमाया कि कभी भी बॉडी को गर्म सर्द न होने दें। आप एसी में बैठे हुए हैं और एक दम गर्म जगह पर चले हैं, या तो अगर बॉडी उस लायक बना रखी है तो कोई हर्ज नहीं, पर आज कल के बच्चों की बॉडी, जो हमने देखा है फोन के लिए तो बढ़िया है, लगे रहते हैं सारा दिन, मसल बेचारा कोई किधर लटका होता है, कोई कोई किधर लटका पड़ा होता है। कईयों को हमने देखा तीन-तीन आदमी भागते हैं, अभी कुछ दिन की बात है हमने एक अपने बच्चे को कहा कि बेटा, भागकर आना, तो वो भागे। तो कोई छाती से अलग हिल रहा था, पेट अलग हिल रहा था और खुद अलग भाग रहा था, तो तीन लोग आ रहे थे इकट्ठे। ऐसा लग रहा था कि बुलाया एक को है और आ रहे हैं तीन, दूर से हिलते लग रहे थे। पास आकर पता चला कि वो तो एक ही है। सामान ही इतना बढ़ चुका है कि तीन के बराबर हो चुका है। तो आप खुद भी चेक कर लीजिये शीशे के सामने भाग कर।
सारा दिन फोन पर लटके रहते हो। फोन पर नॉलेज लेना कोई गलत नहीं, फोन चलाना कोई गलत नहीं, लेकिन हद से ज्यादा हर चीज गलत होती है। पुराने बुजुर्ग कहा करते थे कि हद से ज्यादा चुप नहीं, हद से ज्यादा धूप भी खतरनाक होती है। तो इसलिए धूप हो, बरसात हो, कोई भी चीज हद से ज्यादा ठीक नहीं। कई?बार तो बड़ा अजीब सुनने में मिलता है कि गुरु जी अभी तो खाना खाया है, अभी तो मीठा लेना बाकी है। ये नहीं पता कि जो आप मुंह मीठा कर रहे हो उसमें कैलरिज कितनी होती है। बस थोड़ा सा गुड़ खाएंगे, दो एक रसगुल्ले खाने हैं। खाने को तो वो मानते हैं कि वो खाना है और मिठाई को मानते हैं मुंह मीठा। ये नहीं पता कि वो मुंह मीठा ऐसा हो जाता है, शायद आपने कभी तूड़ी से भरी हुई ट्रॉली देखी है, ट्रक देखा है, चारों तरफ से कैसे लटक रहा होता है। तो आप भी बॉडी को शीशे के सामने देखिये, आपको भी मोटापा आ चुका है। आप खुद भी परेशान है। लेकिन कम नहीं करना चाहते आप। सुखमय जीवन हो गया, फोन हाथ में है।
आपको लगता है सारी दुनिया मुट्ठी में हैं और आप मोटापे की मुट्ठी में। और आप मोटापे की मुट्ठी में आते ही धीरे-धीरे बीमारियों की मुट्ठी में आ जाते हैं। तो मोटापा कम कीजिये। अगर पेट कम करना है तो पैदल चलने की वजाय जॉगिंग कीजिये। हमने अपने वजन को जो कंट्रोल किया है ऐसे ही किया है। हम जॉगिंग करते थे लगभग 13 से 15 किलोमीटर। गुरु जी का जब जन्मदिन आता था तब हम 25 किलोमीटर करते थे 25 जनवरी को। कई बार किया है। लगातार करते रहते हैं रोजाना। तो आप भी करके देखिये, बुढ़ापा नहीं आता। तंदुरूस्त रहता है आदमी और रामनाम में बड़ा दिल लगता है। तो आप जरूर ऐसा करके देखिये, मानिये बात आप हमारी। आपका भला होगा, क्योंकि जब तक जवानी है, थोड़ी से अधेड़ अवस्था है पता नहीं चलता मोटापे का, लेकिन जैसे ही बुढ़ापे की तरफ चले गए 40 से बाहर हो गए, तो आपको परेशानी आएगी, मुश्किलें आएगी। आप जी ने फरमाया कि शरीर तंदुरूस्त होगा तो, दिमाग तंदुरूस्त होगा तो विचार भी तंदुरूस्ती के आएंगे और हमारे समाज में सुख की, खुशी की, शांति की बहारें आ जाएंगी।
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