सीएम भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य के लोगों को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए वचनबद्ध | Punjab Government News
- आम आदमी क्लीनिक में रोजाना 58 हजार से अधिक मरीजों को दी जा रही स्वास्थ्य सेवाएं, लोगों के स्वास्थ्य सुविधाओं के खर्चे में 1030 करोड़ की कटौती आई: डॉ. बलबीर सिंह
चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज़)। Aam Aadmi Clinics: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा राज्य में प्रारंभिक स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए शुरू किए गए ‘आम आदमी क्लीनिक’ प्रॉजैक्ट ने एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है, क्योंकि महज दो सालों में आऊटपेशैंट विभाग (ओपीडी) में मरीजों की आवक अब दो करोड़ का आंकड़ा पार कर गई है। Punjab Government News
आज इस अहम उपलब्धि को सांझा करते पंजाब के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने खुलासा किया कि 15 अगस्त, 2022 से अब तक राज्य में 2 करोड़ से अधिक मरीजों ने 842 आम आदमी क्लीनिकों से मुफ्त इलाज प्राप्त किया है। उल्लेखनीय है कि राज्य में मौजूद कुल 842 आम आदमी क्लीनिक में से 312 शहरी क्षेत्रों में व 530 ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यशील हैं, जहां मुफ्त इलाज के अलावा 80 किस्मोंं की मुफ्त दवाईयों की उपलब्धता व 38 किस्मों की मुफ्त जांच (डायग्नोस्टिक टैस्ट) की सुविधा दी जाती है।
ओपीडी सेवाएं लेने वालों में महिलाओं की 55 फीसद आमद, लिंग-निष्पक्ष स्वास्थ्य सुविधाओं का संकेत: स्वास्थ्य मंत्री
आम आदमी क्लीनिकों में लोगों की आवक संबंधी जानकारी देते हुए, डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि यह क्लीनिक रोजाना लगभग 58,900 मरीजों को सेवाएं प्रदान करते हैं, जिसका मतलब है कि औसतन, हर एक क्लीनिक में रोजाना 70 मरीज आते हैं। यह आंकड़ा बड़ा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मरीजों को उच्च स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए क्लीनिकों की कुशलता व समूह प्रबंधन को दर्शाता है। Punjab Government News
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि क्लीनिकों में आने वाले 2 करोड़ लोगों में, 90 लाख की आवक नई है, जो क्लीनिकों की व्यापक पहुंच को दर्शाती है, जबकि 1.10 करोड़ लोगों ने रीविजट (दोबारा पहुंच) की है, जो मरीजों के विश्वास व संतुष्टि को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इन क्लीनिकों से राज्य के लोगों के आर्थिक पहुँच से बाहर स्वास्थ्य खर्च को 1030 करोड़ रुपये की बड़ी राशि तक घटाने में सफलता हासिल हुई है। उन्होंने कहा कि ओपीडी रीविजट (दोबारा पहुंच) में 55 फीसद संख्या महिलाओं की है, जो कि लिंग-निष्पक्ष स्वास्थ्य संभाल की तरफ एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है। यह क्लीनिक बड़ी सर्कियता से सभी के लिए बराबर पहुंच को यकीनी बना रहे हैं।
इसके अलावा 11.20 फीसद रीविजट (दोबारा पहुंच) बच्चों व किशोरों (0-12 आयु वर्ग) के वर्ग की है, जबकि महत्वपूर्ण 68.86 फीसद रीविजट (दोबारा पहुंच) बालिगों (13-60 आयु वर्ग) की है। इसके अलावा, 19.94 फीसद रीविजट (दोबारा पहुंच) स्वास्थ्य संबंधी वरिष्ठ नागरिकों (60 से अधिक) द्वारा की जाती है। यह हर आयु की आबादी की स्वास्थ्य संभाल जरूरतों को पूरा करने के लिए आम आदमी क्लीनिक के समर्पण व कुशलता को दर्शाती है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि हर क्लीनिक आईटी बुनियादी ढांचे से परिपूर्ण है, जिससे रजिस्ट्रेशन, डॉक्टरी सलाह, जांच व डॉक्टरी तजवीज (प्रिसक्रिपशन) के मुकम्मल तौर पर डिजीटाईज करने को यकीनी बनाया गया है।
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