हे एमएसजी संगत ये तेरी सारी तेरे प्रेम प्यार की मारी
पलक बिझाये देख रही तेरे शुभागमन की प्यारी।
सच्चे सतगुरु साईं जी तुझे उड़ीक रही है सब जनता
हे सृजनहारे बच्चे तेरे प्यारों को कुछ और नही यहां जमता।
तेरे नूरानी दर्श दीदार को सब हैं बेकरार,
तेरे जल्दी आने का पल पल करते इंतजार।
देर न कर प्राणों से प्यारे अब जल्दी आ जाओ,
अपनी पावन हजूरी में अवतार दिवस भंडारा मनवाओ,
तुझ बिन मुरझाये गुलशन में फिर से बहारें ले आओ,
रामनाम, सत्संग की गूँज से जन जन का जीवन महकाओ
अब जल्दी दरबार में आ जाओ,
प्रेम के तेरे मारों पर बेइंतहा रहमत बरसाओ।
-बृजेश कुमार इन्सां, ब्लॉक भंगीदास, रूडकी (हरिद्वार)
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