नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। तम्बाकू स्वास्थ्य के लिए पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा है। तम्बाकू का सेवन करने वाले बीमारियों और जल्दी मौत का शिकार होते हैं वहीं उनमें सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की प्रवृत्ति आम होती है और जिससे कोविड-19 जैसे संक्रमण की भयानक बीमारियों के फैलने के जोखिम बढ़ जाते हैं। उधर कई देशों की सरकारों ने धूम्रपान को बंद करके रखा है। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए न्यूजीलैंड ने 13 दिसंबर एक नया कानून पारित किया है।
इस कानून के लागू होने के बाद न्यूजीलैंड में जिनका जन्म 1 जनवरी 2009 को या उसके बाद हुआ है, वह व्यक्ति को कभी भी तंबाकू नहीं खरीद सकेगा। इस कानून के तहत सिगरेट खरीदने की न्यूनतम आयु भी हर साल बढ़ाई जाती रहेगी। इस कानून के पास होने के बाद सिगरेट खरीदने वाले युवाओं पर जीवन भर का बैन लग गया है। उधर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने भी नशा के खिलाफ डेप्थ मुहिम चलाई जिसका असर भारत के विभिन्न राज्यों में देखने को मिल रहा है।
भारत एक तिहाई आबादी करती है तंबाकू का सेवन
देश में प्रतिबंधित होने के बावजूद परंपरागत तथा सोशल मीडिया पर तंबाकू के विज्ञापन चोरी छिपे जारी हैं और 15 वर्ष से अधिक उम्र की करीब 29 प्रतिशत आबादी इसका सेवन कर रही है। वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठन ‘वाइटल स्ट्रैटेजीज’ ने जारी अपनी एक रिपोर्ट ‘हिडन इन प्लेन साइट: भारत में सोशल मीडिया पर तंबाकू उत्पादों के सरोगेट मार्केटिंग’ जारी करते यह खुलासा किया।
रिपोर्ट के अनुसार भारत में तंबाकू के विज्ञापन प्रचार और प्रायोजक को प्रतिबंधित करने वाली मजबूत नीतियां हैं, फिर भी पारंपरिक मीडिया पर अप्रत्यक्ष रूप से तंबाकू उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ‘सरोगेट मार्केटिंग’ का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है। विज्ञापन का यह रूप तम्बाकू उत्पाद के समान या समान ब्रांड पहचान का उपयोग करके पान मसाला जैसे अनियमित उत्पादों को बढ़ावा देता है ताकि उपभोक्ता उसे तम्बाकू उत्पाद से जोड़ सके।
जानें, रिपोर्ट में क्या कहा
रिपोर्ट में जनवरी और मई 2022 के बीच एकत्र किए गए 2,000 से ज्यादा सोशल मीडिया पोस्ट का विश्लेषण किया, जो अप्रत्यक्ष रूप से तंबाकू का प्रचार करते हैं। इनमें से 12 प्रतिशत सरोगेट मार्केट के थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि लोकप्रिय सोशल मीडिया के माध्यम से तंबाकू उत्पादों को गुप्त रूप से आॅनलाइन प्रचारित किया जा रहा है। तंबाकू विज्ञापनों के छिपे हुए रूप मौजूदा तंबाकू नियंत्रण उपायों की प्रभावशीलता को कम करते हैं और उपभोक्ताओं, विशेषरूप से युवाओं को सबसे अधिक जोखिम में डालते हैं। द इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट ट्यूबरकुलोसिस एंड लंग डिजीज (द यूनियन) में टोबैको कंट्रोल के उप क्षेत्रीय निदेशक डॉ. राणा जे. सिंह ने कहा कि तंबाकू नियंत्रण के लिए आॅनलाइन सरोगेट मार्केटिंग पर ध्यान देना चाहिए ताकि नियंत्रण नीतियां अधिक प्रभावी हो। मार्केटिंग उन प्रमुख तरीकों में से एक है, जिसके द्वारा तंबाकू की खपत को बढ़ावा दिया जाता है।
विज्ञापन हो प्रतिबंध
रिपोर्ट में कहा गया है कि आॅनलाइन तंबाकू मार्केटिंग के 2,111 मामलों में से 90 प्रतिशत से ज्यादा तंबाकू कंपनियों से संबद्ध उत्पादों के लिए थे। आॅनलाइन तंबाकू विज्ञापन के 2,111 मामलों में से, आॅनलाइन सरोगेट मार्केटिंग (12 प्रतिशत) के 243 मामले और कंपनी ब्रांड एक्सटेंशन विज्ञापन (80 प्रतिशत) के 1691 मामले थे। अन्य 8 प्रतिशत सीधे तौर पर तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन थे, जहां उत्पादों को स्पष्ट रूप से चित्रित किया गया था और उन्हें छिपाया नहीं गया था।
आॅनलाइन देखे गए करीब आधे सरोगेट मार्केटिंग में गणतंत्र दिवस और चैत्र नवरात्रि जैसे सांस्कृतिक उत्सवों तथा समारोहों का फायदा उठाया एवं प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेताओं को इनमें दिखाया गया। आॅनलाइन सरोगेट मार्केटिंग का तीन-चौथाई फेसबुक और इंस्टाग्राम पर देखा गया। जून 2022 में, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने ‘भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम और भ्रामक विज्ञापनों के लिए एंडोर्समेंट के लिए ‘दिशा-निर्देश’ जारी किए, जो सरोगेट मार्केटिंग और अन्य विज्ञापनों को प्रतिबंधित करते हैं।
नशों को मिटाने में रामबाण का काम कर रही पूज्य गुरु जी की ‘DEPTH’ मुहिम
पूज्य गुरु जी समाज के गणमान्यजन लोगों व सरकार से नशों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने का आह्वान लगातार कर रहे हैं। इसका असर समाज में दिखने भी लगा है। रोजाना लाखों लोग नशा व बुराइयां छोड़कर इंसानियत के मार्ग पर अग्रसर हो रहे हैं। इसी क्रम में लक्ष्मणगढ़, राजस्थान निवासी पप्पू चौहान ने डेप्थ मुहिम के तहत नशा छोड़ा और कहा कि मैं आज नशा त्याग रहा हूं और नारा लगाता हूं ‘धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा’।
पूज्य गुरुजी ने 40 दिन बरनावा आश्रम में रहकर आॅनलाइन गुरुकुल के माध्यम से अनेक सत्संग किए। इस दौरान पूज्य गुरुजी ने 143वें कार्य के रुप में ‘डेप्थ मुहिम’ की भी शुरूआत की। डेप्थ का सरल शब्दों में अर्थ है समाज से नशे रुपी दैत्य को बाहर निकालना। पूज्य गुरु जी ने कहा कि नशा पूरे देश की समस्या है।
हर मोबाइल पर बजने लगा- जागो दुनिया दे लोको…गीत
पूज्य गुरूजी ने इस बार नशे पर जमकर प्रहार किया। बातों में, प्रवचनों में और गीत में वे नशे को जड़ से उखाड़ने का संदेश देते रहे। नशे पर ही बनाया गया गीत-जागो दुनिया दे लोको के पांच दिन में व्यूअर का आंकड़ा 60 लाख के पार हो गया। मात्र 9 दिन में ही व्यूअर 10 मिलियन यानी एक करोड़ को पार कर गए। नशे व बुराइयों पर प्रहार करता यह गीत हर किसी के मोबाइल की ट्यून बन गया।
जहन्नुम बने घरों को जन्नत बनाने का संदेश देते इस गीत को सुनकर नौजवानों ने नशीला पदार्थों से तौबा की। इस गीत में पंचायत प्रतिनिधि सरपंचों से आह्वान किया कि ठीकरी पहरा लगा दो। यूपी और टोहाना की सामाजिक संस्थाओं ने गुरूजी को नशे व अन्य सामाजिक बुराईयों के खात्मे के लिए चलाई गई मुहिम पर सम्मान भी दिया।
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