नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। देश में पिछले 24 घंटे में नौ राज्यों में कोरोना के (Corona) सक्रिय मामले बढ़े हैं और बाकी राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों में इनकी संख्या में कमी आयी है। उत्तर प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात सहित अन्य राज्यों में सक्रिय मामले बढे हैं। केरल में दो सक्रिय मामले बढ़ने पर, यहां सक्रिय मामलों की संख्या सबसे बढ़कर 1,438 तक पहुंच गयी है। कोरोना महामारी से उबरने वालों की संख्या बढ़कर 67,54,841 हो गई है और मृतकों की संख्या 71,540 स्थिर है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने चीन सहित दुनिया के कई देशों में कोविड संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए को भारत में कोरोना महामारी के प्रकोप से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की और सतर्कता, सावधानी और निगरानी बरतने पर जोर दिया। मांडविया की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. प्रवीण भारती पवार, नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ. वी के पाल, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, मंत्रालय , भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, भारतीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य विशेषज्ञों ने भाग लिया। वहीं आज कोरोना को लेकर आईएमए ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है।
कोरोना का कहर: चीन के अस्पतालों में लाशों के ढेर, सभी देश अलर्ट, डब्ल्यूएचओ ने दी चेतावनी
नई गाइडलाइन
- सभी सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क का प्रयोग करना है।
- सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखनी है।
- साबुन और पानी या सैनिटाइजर से नियमित रूप से हाथ धोना।
- सार्वजनिक समारोहों जैसे विवाह, राजनीतिक या सामाजिक बैठकों आदि से बचना चाहिए।
- अंतर्राष्ट्रीय यात्रा से बचें।
- बुखार, गले में खराश, खांसी, लूज मोशन आदि जैसे लक्षण होने पर डॉक्टर से सलाह लें।
- एहतियाती खुराक सहित अपना कोविड टीकाकरण जल्द से जल्द करवाएं।
- समय-समय पर जारी सरकारी एडवाइजरी का पालन करें।
डब्ल्यूएचओ ने दुनिया में एंटीबायोटिक दवाओं की कमी की चेतावनी दी | Corona
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी देते हुए कहा कि संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण पेनिसिलिन और एमोक्सिसिलिन सहित एंटीबायोटिक दवाओं की कमी हो चुकी है। यह जानकारी डब्ल्यूएचओ समूह के दवा आपूर्ति और अभिगमन के प्रमुख लिसा हेडमैन ने दी। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ द्वारा जिन देशों के डेटा एकत्रित किए गए हैं, उनके अनुसार यूरोपीय संघ के देशों, कनाडा और अमेरिका सहित 35 देशों में लगभग 80 प्रतिशत पेनिसिलिन से संबंधित एंटीबायोटिक दवाओं की कमी हो चुकी हैं जबकि गरीब और छोटे देशों की स्थिति और ज्यादा खराब है क्योंकि उन्हें एंटीबायोटिक दवाओं का आयात करना पड़ता है।
हेडमैन ने फाइनेंशियल टाइम्स को कहा,“यह कमी इसलिए हुई है क्योंकि देशों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि पहले वर्ष में बिना मास्क के श्वसन संक्रमण हमें इतनी बुरी तरह प्रभावित करेगा।” समाचारपत्र ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि इन दवाओं की कमी का एक अन्य कारण कोविड-19 महामारी है जिसके कारण आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान उत्पन्न हुआ और एंटीबायोटिक दवाओं की मांग में कमी हुई, जिसके परिणामस्वरूप उनका उत्पादन भी कम हो गया। फाइनेंशियल टाइम्स ने कहा कि अमेरिका और यूरोप के फार्मासिस्टों ने भी सर्दियों की लहर में फ्लू और कोविड-19 के कारण बढ़ती मांग के बीच दर्द निवारक दवाओं की कमी की जानकारी दी है।
ये लक्षण दिखे तो तुरंत करवाएं जांच | China Corona News
- गले में खराश
- छींक
- बहती नाक
- बंद नाक
- बिना कफ वाली खांसी
- सिरदर्द
- कफ के साथ खांसी
- बोलने में परेशानी
- मांसपेशियों में दर्द
- गंध ना आना
- अधिक बुखार
- कंपकंपी के साथ बुखार
- लगातार खांसी
- सांस लेने में समस्या
- थकान महसूस होना
- भूख में कमी
- डायरिया
- बीमार होना
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