Earth: डॉ. संदीप सिंहमार। खगोलीय विज्ञान बह्मांड में नई खोजों के लिए जाना जाता है। आए दिनों कोई न कोई खोज सामने आते रहती है,जो एक नई उम्मीद जगाती है। पृथ्वी के बाहर जीवन की तलाश में भी वर्षों से खगोल विज्ञान सक्रिय हैं। अन्तरिक्ष विज्ञान के सहयोग से खगोलशास्त्री इस नई खोज में लगे हुए हैं। हाल ही में हुई नई खोज ने पृथ्वी से बाहर जीवन के मिलने की संभावना बढ़ा दी है। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के जरिए हुई इस खोज के बाद यूएफओ एक्सपर्ट ने दावा कर रहे हैं कि इंसानों के जैसे एलियन मिलना अब असंभव नहीं है, बल्कि एलियन के कई रूप हो सकते हैं। यह भी बात ध्यान रहे कि हमारे धर्म एलियन को पहले ही स्वीकार करते हैं। अब विज्ञान की भी मुहर लगने लगी है। इस नई खोज के बाद धरती से बहत जीवन तलाशने की संभावनाएं पहले से अधिक बढ़ी है,जिस दिशा में लगातार काम चल भी रहा है। OMG News
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जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के जरिए हुई इस खोज को अब तक खोजे गए एलियन जीवन के सबसे दिलचस्प संकेतों में से एक माना जा रहा है। इसकी जांच करने के लिए तकनीक ने दूसरे सौर मंडल में एक दूर के ग्रह की ओर वैज्ञानिकों का ध्यान खींचा है। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की मदद से हुई खोज ने वेब वैज्ञानिकों को उत्साहित कर दिया है कि अब पृथ्वी से बाहर के एलियन जीवन की तलाश में सफलता मिल सकती है। एलियन के शोधकर्ताओं का मानना है कि एलियन की खोज इतनी असंभव भी नहीं है,जितनी हमें लगती है। प्रयास से सब कुछ संभव है।
पृथ्वी की त्रिज्या से 2.6 गुना है एक अनोखी दुनिया! OMG News
इस नई खोज के मुताबिक यह ग्रह K2-18b पृथ्वी की त्रिज्या से 2.6 गुना अधिक महासागर से ढकी हुई एक अनोखी दुनिया है। वैज्ञानिकों ने इसके वायुमंडल में छिपी डाइमिथाइल सल्फाइड,या डीएमएस,नामक गैस के संकेत देखे हैं। नासा के विशेषज्ञों ने आधिकारिक तौर पर माना है कि गैस मुख्य रूप से समुद्री वातावरण में फाइटोप्लांकटन से आती है। यह गैस केवल जीवन की प्रक्रियाओं से ही पैदा होती है। इसका मतलब धरती के बाहर जीवन से नकारा नहीं जा सकता।
शोध अध्ययन के मुखिया के लिए हैरानीजनक है ये खोज
इस शोध अध्ययन का के मुख वैज्ञानिक कैंब्रिज के खगोलशास्त्री डॉ. निक्कू मधुसूदन ने गैस की खोज के बारे में माना कि यह उनके लिए बहुत हैरानीजनक खोज थी। इस खोज के दौरान वे एक सप्ताह तक सो नहीं सके थे। वैज्ञानिक निक्कू का सिद्धांत है कि K2-18b एक हाइसीन जल जगत है। इस शब्द को उन्होंने हाइड्रोजन और महासागर की उपस्थिति को की ओर इशारा करने के लिए प्रयुक्त किया था। खोज में यूएफओ के शोधकर्ता फिलिप मेंटल ने सुझाव दिया है कि फिल्म और टेलिविज़न में विदेशी जीवन रूपों के चित्रण ने विशेष प्रभावों की सीमाओं के कारण मानवीय रूप ले लिया है। पर एक बात के कारण यह वास्तविकता से बहुत दूर नहीं हो सकता है। फिलिप ने कहा, ह्यूमनॉइड्स को कभी भी बड़े और छोटे स्क्रीन पर देखा जाता है। क्योंकि लंबे समय तक अतिरिक्त स्थलीय लोगों को प्लास्टिक के सिर पहने सूट वाले पुरुषों की तरह पेश किया जाता रहा है। पर अब इस दिशा में एक उम्मीद की किरण बढी है।
शोधकर्ता फिलिप मेन्टल ने पुष्टि करते हुए कहा कि हालांकि एलियंस कई रूप ले सकते हैं। पर एलियन की एक प्रजाति अन्य एलियन प्रजातियों की तुलना में अन्य ग्रहों पर बसने की अधिक संभावना हो सकती है। इन संभावनाओं से कभी भी नकारा नहीं जा सकता।