नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। तमिलनाडु, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ एवं हिमाचल प्रदेश की कुछ जातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के उद्देश्य से लोकसभा में आज संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश 1950 में संशोधन करने वाले चार विधेयक पेश किये गये। जनजातीय मामलों के केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुण्डा ने तमिलनाडु के बारे में संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (दूसरा संशोधन) विधेयक 2022, हिमाचल प्रदेश के बारे में संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक 2022, कर्नाटक के बारे में संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (चौथा संशोधन) विधेयक 2022 तथा छत्तीसगढ़ के बारे में संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक 2022 पेश किया।
लखीमपुर खीरी घटना पीड़ितों को मिले घोषित मुआवजा
राष्ट्रीय लोक दल ने उत्तर प्रकहेदेश के लखीमपुर खीरी में पिछले वर्ष प्रदर्शन के दौरान वाहन से कुचलने से मृत और घायल किसानों के लिए राज्य सरकार द्वारा घोषित मुआवजा दिये जाने की मांग करते हुये आज कहा कि अब तक पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिला है। राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी ने शुक्रवार को राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुये कहा कि इस संबंंध में अभी कुछ दिनों पहले राज्य विधानसभा में उनके दल के सदस्य ने सवाल पूछा था जिस पर मुख्यमंत्री ने अब तक मुआवजा नहीं दिये जाने की बात कही थी।
उन्होंने कहा कि इस घटना में घायल लोगों को 10-10 लाख रुपये और मृत व्यक्ति के एक परिजन को नौकरी देने की घोषणा की गयी थी लेकिन एक वर्ष से अधिक समय बीतने के बावजूद पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिला है। इसलिये केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार उत्तर प्रदेश की अपनी ही पार्टी की सरकार को मुआवजा देने के लिए कहे।
करतारपुर गुरूद्वारा जाने वालों को शुल्क में मिले छूट
आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को सरकार से पाकिस्तान स्थित करतारपुर गुरूद्वारा जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए 20 डॉलर के शुल्क को माफ करने और पासपोर्ट के स्थान पर आधार जैसे किसी पहचान पत्र को मान्यता देने के लिए पाकिस्तान से बात करने की अपील की है। आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्डा ने आज राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुये कहा कि देश के सिख समुदाय करतारपुर साहिब में मथ्था टेकना चाहता है लेकिन कई तरह की अनिवार्यता के कारण वे चाहकर भी अपने पवित्र गुरूद्वारा में मथ्था नहीं टेक पाते हैं। उन्होंने कहा कि करतारपुर जाने के लिए 20 डॉलर का शुल्क देना होता है।
इसलिए सरकार से गुजारिश है कि वह इस शुल्क को माफ कर दे ताकि सिख समुदाय से हर कोई करतापुर साहिब जा सके। इसके साथ ही करतारपुर जाने के लिए पासपोर्ट की अनिवार्यता को समाप्त करने के लिए भारत सरकार को पाकिस्तान से बात करनी चाहिए और पासपोर्ट के स्थान पर आधार जैसे पहचान पत्र को मान्यता दी जानी चाहिए। उन्होंने करतारपुर साहिब जाने के लिए आॅनलाइन पंजीयन की व्यवस्था में भी राहत देने की अपील करते हुये कहा कि बहुत से लोग हैं जो आॅनलाइन पंजीयन नहीं कर पाते हैं और इसके कारण वे इस पवित्र स्थल को दर्शन नहीं कर पा रहे हैं।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।