नेपाल के बिगड़े तेवर

Nepals bad attitude
भारत को कभी यह बात याद ही न थी कि कभी हर पक्ष से कमजोर व लगातार सहायता हासिल करता रहा नेपाल ही उसका सबसे बड़ा दुश्मन बन जाएगा। नेपाल ने अपने बदले तेवर कुछ दिन पहले ही अपना नया नक्शा नेपाली सांसद में पास कर ही दिखा दिए, जिसमें तीन भारतीय क्षेत्रों को नेपाल में दिखाया गया है। अब नदियों के बांधों के निर्माण कार्य पर रोक लगाकर बिहार में बाढ़ का खतरा पैदा कर दिया है। नेपाल कहीं सड़क निर्माण में भारत के लिए अड़चनें पैदा कर रहा है तो कहीं नो मैन्स लैंड में निर्माण कर भारत को उकसाने वाली कार्रवाईयां कर रहा है।
अगर यह तनातनी इसी तरह जारी रही तब ये दोनों देशों में आर्थिक नुक्सान के साथ-साथ टकराव की स्थिति भी पैदा कर सकती है। मीडिया में यह भी खबरें हैं कि भारत-नेपाल संबंधों के इतिहास में पहली बार नेपाल ने अपनी सेना भारतीय सीमा पर तैनात की है। दोनों देशों के दरमियान संबंधों में आए इस बदलाव ने सीमावर्त्ती क्षेत्रों के लोगों की सद्भावना व आर्थिकता को बुरी तरह से प्रभावित किया है। दोनों तरफ के लोग खरीददारी के लिए इधर-उधर आते जाते थे लेकिन अब सीमावर्त्ती शहरों में सन्नाटा पसरा हुआ है व दुकानदार खाली बैठे दिखाई दे रहे हैं। दरअसल नेपाल के रवैये में बदलाव उसके चीनी दोस्त की बदौलत आए हैं। यह स्पष्ट है कि नेपाल अब हमारे हाथों से बिल्कुल ही निकल चुका है। भारत को नेपाल मामले में बिना किसी देरी के सचेत हो जाना चाहिए। इससे पहले की चीन या पाकिस्तान की तरह नेपाल भी हमारे क्षेत्रों पर अपना कब्जा जमा ले, भारत को आवश्यक तैयारियां कर लेनी चाहिए।
चीन पहले ही अक्साई चिन पर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का एक तिहाई हिस्सा हड़प चुका है। अगर ऐसी ही हरकत नेपाल ने भी कर दी तो भारत के लिए तीन देशों के साथ भिड़ने के हालात बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं। युद्ध की संभावना के बिना भी बाढ़ जैसी समस्याएं भारत के लिए मुसीबत बन सकती हैं। उधर श्रीलंका का झुकाव भी चीन की तरफ हो रहा है। ऐसे हालातों में भारत को ठोस कूटनीति व रणनीति के साथ काम लेना होगा। यह भी जरूरी है कि अन्य शेष बचे पड़ोसी देशों जिनमें भूटान, म्यांमार व बांग्लादेश को अपने साथ जोड़े रखने के लिए भी पूरे प्रयास करने होंगे। बांग्लादेश पर चीन की नजर पहले से ही है। एनआरसी व कुछ अन्य कारणों के चलते बांग्लादेश भी भारत से नाखुश दिखाई दे रहा है। एक-एक कर भारत के पड़ोसी दूर जा रहे हैं, जो शुभ संकेत नहीं हैं।

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