नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देशभर में सबसे अधिक कोरोना की जांच दिल्ली में होने का दावा करते हुए कहा कि इलाज में ज्यादातर निजी अस्पतालों का सहयोग मिल रहा है लेकिन कुछ अस्पताल मनमानी कर रहे हैं जिनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। Arvind Kejriwal ने शनिवार को यहां डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार के आदेशों के बावजूद कुछ निजी अस्पताल अपने आकाओं के इशारे पर मनमानी कर रहे हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। सभी निजी अस्पतालों को अपने यहां 20 फीसदी बेड कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षित करना अनिवार्य है और जो ऐसा नहीं करेंगे उनके अस्पताल को पूरी तरह कोरोना के लिए समर्पित कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मंगलवार को एक ऐप लांच किया गया था जिसके तहत अस्पताल में खाली बेड की जानकारी मिलने लगी। इस दौरान शिकायत मिली कि कुछ अस्पताल ऐप में खाली बेड दिखाने के बावजूद मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे है। ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अब सभी निजी अस्पतालों के रिसेप्शन पर सरकार का एक प्रतिनिधि मौजूद होगा जो अस्पताल के खाली बेड पर निगरानी रखेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली कोरोना ऐप से लोगों को काफी फायदा हुआ है क्योंकि जब इसे लांच किया गया तब विभिन्न अस्पतालों में 2800 मरीज भर्ती थे और अब ऐप की मदद से 3900 मरीज भर्ती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के संदिग्ध मरीजों को भर्ती करने से अस्पताल मना नहीं करेगा। अस्पताल को उसकी जांच करनी पड़ेगी।
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