बच्चे को था केंसर, निजी अस्पताल के डॉ ने कर दिया आंतो का ऑपरेशन, बच्चे की बिगड़ी तबीयत

Kaithal News, Negligence of private hospital

दर्जनों ग्रामीण डॉ पर करवाई की मांग को लेकर डीसी और एसपी से मिले

कैथल(सच कहूं/ कुलदीप नैन)। कैथल के एक प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर पर 13 वर्षीय बच्चे के इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप लगे हैं। परिजनों द्वारा डॉक्टर पर लगाए गए आरोपों में बताया गया कि डॉक्टर ने बिना कोई टेस्ट किए ही उनके बच्चे के पेट का ऑपरेशन किया है, जबकि दूसरी जगह से इलाज करवाने के बाद उनको पता चला कि बच्चे के पेट में कैंसर था। अब परिजनों द्वारा डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए गांव दयोरा के दर्जनों ग्रामीण डीसी और एसपी से मिले तथा डॉक्टर के खिलाफ इलाज में लापरवाही वर्तनी पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग रखी। वहीं ऑपरेशन करने वाले डॉ ने कहा कि बच्चे की दोनो आंत आपस में फसी हुई थी जिसे ऑपरेशन के बिना अलग नहीं किया जा सकता था।

पीड़ित बच्चे के पिता बलविंदर सिंह ने बताया कि उसके 13 वर्षीय बेटे जतिन कुमार को कुछ दिन पहले पेट में दर्द हुआ था, जिसके बाद वह बच्चे को लेकर एक प्राइवेट डॉक्टर के पास गए थे। डॉक्टर ने इलाज के दौरान बच्चे के ऑपरेशन करने की बात कही। डॉक्टर द्वारा बच्चे का ऑपरेशन करने के बाद भी जब उसे आराम नहीं मिला तो वह बच्चे को पटियाला के एक निजी अस्पताल में लेकर गए। पटियाला के डॉक्टरो ने बताया कि उनके बच्चे को पेट में कैंसर है और इसका ऑपरेशन नहीं किया जाना चाहिए था। वह बच्चे को लेकर और भी कई अस्पतालों में गए वहां से भी उनको यही जवाब मिला।

डीसी और एसपी से मिले ग्रामीण

डॉक्टर की लापरवाही के कारण अब बच्चे की तबीयत ज्यादा खराब हो चुकी है। इसको लेकर आज बच्चों के परिजन व दर्जनों ग्रामीण डॉक्टर पर कार्रवाई करवाने के लिए कैथल डीसी व एसपी से मिले थे, जिन्होंने जल्द ही मेडिकल बोर्ड बनवाकर इस पूरे मामले की जांच करने की बात कही है

बच्चे की दोनो आंत आपस में फंसी थी, कैंसर के लक्षण नहीं दिखे

वही इस मामले पर अपना पक्ष रखते हुए प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि डेढ़ महीने पहले दयोरा गांव से एक बच्चे को लेकर परिजन उसके पास आए थे। इलाज के दौरान उन्होंने देखा कि बच्चे की छोटी आंत बड़ी आंत में फसी हुई थी जिसका ऑपरेशन कर उसे ठीक कर दिया था।. उन्होंने कहा कि जहां बच्चे के पेट में कैंसर की गांठ बनी हुई थी। उन्होंने उसे सोजीश की गांठ समझा और बच्चे का इलाज कर दिया, उसे समय उन्हें कैंसर के लक्षण नहीं दिखे।