नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। राष्ट्रमंडल खेल गोल्ड मेडलिस्ट नीतू घंघास (Nitu Ghanghas) और एशियाई चैंपियन स्वीटी बूरा ने शनिवार को महिला विश्व चैंपियनशिप में अपने-अपने फाइनल मुकाबले जीतकर स्वर्ण पदक हासिल कर लिये। भारतीय प्रशंसकों से खचाखच भरे केडी जाधव हॉल में खेले गये खिताबी मुकाबले में नीतू (48 किग्रा) ने दमदार प्रदर्शन करते हुए मंगोलिया की लुत्सइखान अल्तानसेत्सेग को 5-0 से हराया। स्वीटी ने 81+ किग्रा के फाइनल में चीन की वांग लिना को 4-3 से मात देकर भारत का परचम लहराया।
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पिछले साल क्वार्टरफाइनल में हारकर बाहर होने वाली नीतू ने इस बार स्वर्ण हासिल करने के लिये मुकाबले की दमदार शुरूआत की और पहला राउंड 5-0 से जीत लिया। दो बार की एशियाई चैंपियन अल्तानसेत्सेग ने दूसरे राउंड में वापसी करने का प्रयास किया लेकिन नीतू ने मुक्कों का शानदार मिश्रण करके विश्व चैंपियन का ताज अपने सिर सजा लिया। नीतू ने जीत के बाद कहा, “आज मुकाबले से पहले मैंने आक्रामक तरीके से खेलने का फैसला किया था और मैं (जीत के बाद) बहुत खुश हूं। मुझे अपने आप पर और अपने परिवार पर गर्व है और मैं अपने कोचों, विशेषकर अपने मुख्य कोच भास्कर सर को धन्यवाद देना चाहूंगी।
नीतू ने अपने यादगार अभियान में इससे पहले दो बार की विश्व चैंपियनशिप मेडलिस्ट जापान की मदोका वाडा और दो बार की एशियाई चैंपियन अल्कोवा बाल्किबोवा को हराया था। दूसरी ओर, स्वीटी को विश्व चैंपियनशिप में पहला स्वर्ण जीतने के लिये कड़ा संघर्ष करना पड़ा। वांग ने पहले राउंड में स्वीटी (Saweety Boora) को हावी होने का मौका नहीं दिया लेकिन भारतीय मुक्केबाज ने राउंड की समाप्ति से पहले कुछ शानदार मुक्के बरसाये। स्वीटी ने पहला और दूसरा राउंड 3-2 से जीता, लेकिन तीसरे राउंड में वह पूरी तरह हावी हो गयीं और 4-1 की जीत के साथ सोना अपने नाम कर लिया।
स्वीटी ने बाउट के बाद कहा, ‘मैं विश्व चैंपियन बनने के अपने सपने को पूरा करने के बाद रोमांचित हूं। मुकाबला अच्छा रहा और मैं अपनी योजना को पूरी तरह से लागू करने में सफल रही। टूनार्मेंट में मेरा प्रदर्शन बेहतर होता गया क्योंकि मुकाबले आगे बढ़े और मेरा शरीर भी अच्छा साथ दे रहा था। मैं प्रशंसकों को उनके निरंतर प्यार और समर्थन के लिये धन्यवाद देना चाहती हूं।
नीतू और स्वीटी को विश्व चैंपियन बनने पर 82.7 लाख रुपये की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया। ये दोनों विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली क्रमश: छठी और सातवीं भारतीय मुक्केबाज बन गयी हैं। इससे पहले छह बार की विश्व चैंपियन मैरी कॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आरएल (2006), लेखा केसी (2006) और निखत जरीन (2022) भी भारत के लिये यह कारनामा कर चुकी हैं। रविवार को होने वाले फाइनल मुकाबलों में मौजूदा विश्व चैंपियन निखत जरीन और टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन रिंग में उतरेंगी।
निखत (50 किग्रा) विश्व चैंपियनशिप में लगातार दूसरा स्वर्ण पदक हासिल करने के लिये दो बार की एशियाई चैंपियन वियतनाम की गुयेन थी टैम से भिड़ेंगी, जबकि लवलीना (75 किग्रा) दो बार की राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता आॅस्ट्रेलिया की कैटलिन पार्कर का मुकाबला करेंगी। मौजूदा विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 65 देशों की कई ओलंपिक पदक विजेताओं सहित 324 मुक्केबाज 12 अलग-अलग भार वर्गों में भाग ले रही हैं।
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