जकार्ता (एजेंसी)। भारत के ध्वजवाहक नीरज चोपड़ा ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए 88.06 मीटर (Neeraj won gold) की जबर्दस्त थ्रो के साथ 18वें एशियाई खेलों की एथलेटिक्स प्रतियोगिता की भाला फेंक स्पर्धा में सोमवार को स्वर्ण पदक जीतकर नया इतिहास बना दिया। भारत को नीरज के स्वर्ण के अलावा धरुण अयासामी ने 400 मीटर पुरुष बाधा दौड़, सुधा सिंह ने महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा और नीना वराकिल ने महिलाओं की लंबी कूद स्पर्धा में रजत पदक दिला दिया। भारत ने इस तरह एथलेटिक्स में अब तक दो स्वर्ण और 6 रजत सहित आठ पदक जीत लिए हैं।
ध्वजवाहक होने की जिम्मेदारी को पूरा किया: नीरज | Neeraj won gold
स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने 18वें एशियाई खेलों में सोमवार को एथलेटिक्स प्रतियोगिता की भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने के बाद कहा कि उन्होंने भारतीय दल का ध्वजवाहक होने की जिम्मेदारी को पूरा किया। नीरज ने कहा,‘ मैं बहुत खुश हूं। जब भारतीय दल के ध्वजवाहक के रूप में मेरा चयन किया गया था। मैंने खुद से वादा किया था कि मैं अपने देश की उम्मीदों पर खरा उतर कर दिखाऊंगा। मैं उस सपने को सच करने के बाद बेहद खुश हूं।
नीरज के स्वर्ण जीतते ही उनके गांव में मना जश्न
हरियाणा में पानीपत के गांव खंडरा के नीरज चोपड़ा ने इंडोनेशिया में चल रहे 18वें एशियाई खेलों में सोमवार को भाला फेंक स्पर्धा में जैसे ही स्वर्ण पदक भारत की झोली में डाला, उनके गांव में जश्न मनना शुरू हो गया। नीरज की जीत की खबर से उसके पैतृक गांव खंडरा में जश्न का माहौल है। नीरज के पिता सतीश कुमार खेतीबाड़ी का काम देखते हैं और वह आज भी अभी खेत में गए हुए थे। सतीश के चाचा भीम सिंह ने बताया कि नीरज की जोरदार तैयारियों के चलते उन्हें स्वर्ण पदक की काफी उम्मीद थी। उन्होंने बताया कि खुद नीरज ने जकार्ता से फोन करके उन्हें भरोसा दिलाया था कि वह अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करके गोल्ड जीतेंगे।
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