सामान्य चिकिस्तकों की 83 प्रतिशत कमी
उडुपी (कर्नाटक)। राष्ट्रपति मुखर्जी ने रविवार को कहा कि उत्तम स्वास्थ्य सुविधाएं हर व्यक्ति के लिए जरूरी हैं। उन्होंने साथ ही ग्रामीण इलाकों में बेहतर बुनियादी ढांचे की जरूरत पर बल दिया ताकि डॉक्टर वहां अपनी सेवाएं दे सकें। उडुपी में शंभु शेट्टी मेमोरियल हाजी अब्दुल्ला सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की स्थापना के मौके पर राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तम स्वास्थ्य सुविधाएं अब विलास का प्रतीक नहीं रहीं, बल्कि यह जरूरी हो गई हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि एक हजार की आबादी के लिए एक डॉक्टर के अंतर्राष्ट्रीय मानक की तुलना में हमारे देश में 1,700 लोगों पर एक डॉक्टर उपलब्ध है। मुखर्जी ने आगे कहा, ‘ग्रामीण भारत में स्थिति ज्यादा गंभीर हैं, जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के स्तर पर 83.4 प्रतिशत सर्जन, प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञों की 76.3 प्रतिशत, बाल रोग विशेषज्ञों की 82.1 प्रतिशत और सामान्य चिकिस्तकों की 83 प्रतिशत कमी है।
उन्होंने कहा, ‘स्थिति इस बात से भी जटिल हो जाती है कि हम अपनी जरूरत के मुकाबले करीब 50 प्रतिशत कम डॉक्टरों को शिक्षित और प्रशिक्षित करते हैं। राष्ट्रपति ने डॉक्टरों की कमी पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि निवारक स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र पर अधिक ध्यान और निवेश की जरूरत है। मुखर्जी ने कहा, ‘पिछले 70 सालों में हमने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता के मामले में व्यापक विकास किया है।’
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