भारत में लगभग 30 मिलियन अस्थमा के मरीज, जान बचाने को हीट वेव से बचें

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Gurugram News भारत में लगभग 30 मिलियन अस्थमा के मरीज, जान बचाने को हीट वेव से बचें

हीट वेव से हर साल अस्थमा के बढ़ जाते हैं 5 प्रतिशत मरीज | Gurugram News

  • सांस के रोगियों के लिए खतरे से खाली नहीं हीट वेव

गुरुग्राम (सच कहूँ/संजय कुमार मेहरा)। Asthma: यह बहुत बड़ा आंकड़ा है कि भारत में लगभग 30 मिलियन अस्थमा के मरीज हैं। हर साल यह संख्या 5 प्रतिशत बढ़ जाती है। इस कारण हीट वेव को भी माना गया है। सांस के रोगियों के लिए हीट वेव खतरे से खाली नहीं है। इसलिए सांस के रोगियों को इस मौसम में एहतियात बरतनी चाहिए। विश्व स्तर पर हुए रिसर्च में भी इस बात का पता चला है कि जहां हीट वेब होता है वहां अस्थमा के मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की दर बढ़ जाती है। Gurugram News

अस्पताल में भर्ती होने की दर में यह वृद्धि श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए अत्यधिक गर्मी के खतरों को दशार्ता है। गर्मियों के महीनों में हम अस्थमा के केसों में बढ़ोतरी देखते हैं। इस मौसम में हीट वेब के कारण अस्थमा केसों में ज्यादा वृद्धि होती अनुमान है कि भारत में लगभग 30 मिलियन अस्थमा के मरीज हैं। मरीजों की इतनी बड़ी संख्या होने के कारण अक्सर भीषण गर्मी पड?े से भारत में गर्मियों के महीनों में अस्थमा के मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की दर में वृद्धि होने की संभावना बढ़ जाती है। गर्मियों के दौरान बहुत ज्यादा धूप और गर्मी लगने से अस्पताल में भर्ती होने की घटनाएं बढ़ रही हैं। भारत में भीषण गर्मी के चलते पल्मोनोलॉजिस्ट अस्थमा के मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने का सुझाव दे रहे हैं।

अधिक गर्मी सांस के वायु मार्गों को बाधित कर सकती है: डा. अरुणेश

पारस हेल्थ के पल्मोनोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. अरुणेश गर्मी और अस्थमा के बीच संबंध बताते हुए कहते हैं कि अत्यधिक गर्मी सांस के वायु मार्गों को बाधित कर सकती है। सूजन पैदा कर सकती है। यह ठीक वैसे ही होता है जैसे एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थों को सांस के जरिए अंदर लेने पर वायु मार्ग सूज जाता है। इसके अलावा गर्म मौसम अक्सर ग्राउंड-लेवल ओजोन सांद्रता में वृद्धि कर देता है।

ग्राउंड-लेवल ओजोन एक गैस प्रदूषक है, जो जलते हुए ईंधन उत्सर्जन और वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों, गर्मी और सूरज की रोशनी के बीच रासायनिक प्रतिक्रियाओं से बनता है। यह गैस फेफड़ों और वायु मार्गों में सूजन पैदा कर देती है, जिससे इस समस्या से पीड़ित लोगों में अस्थमा के लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं।

डॉक्टर्स के इन सुझावों पर भी मरीज करें अमल | Gurugram News

विश्व अस्थमा दिवस पर पारस हेल्थ के पल्मोनोलॉजिस्ट एक मल्टी स्टेप (बहु-चरणीय) दृष्टिकोण का पालन करने का सुझाव देते हैं। इस दृष्टिकोण में डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवा को खाना होता है, फिर आप चाहे भले ही स्वस्थ महसूस कर रहे हों। डॉक्टर की बताई गई दवा आपको खानी ही होगी। शरीर को डी-हाईड्रेसन से रोकने के लिए पूरे दिन लगातार तरल पदार्थ पीकर हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है। क्योंकि अगर डी-हाईड्रेसन हो गया तो अस्थमा के लक्षण बदतर हो सकते हैं। सुबह या शाम को ज्यादा मेहनत न करने से गर्मी से राहत मिलती है। अचानक होने वाले अस्थमा के दौरे के लिए तुरंत प्रतिक्रिया के लिए हमेशा एक क्विक-रिलीफ इनहेलर साथ रखें। एयर कंडीशन वाली जगह पर ठहरने से गर्मी से राहत मिलती है और सांस लेने में कठिनाई कम होती है।

ये लक्षण हों तो तुरंत डॉक्टर के पास पहुंचें

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर आपको खांसी, घरघराहट, सांस लेने में तकलीफ या सीने में जकड? जैसे अस्थमा के लक्षण बिगड़ते हैं, तो अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें। डॉक्टर से कंसल्ट करने पर समय रहते हस्तक्षेप और उचित इलाज संभव हो जाता है। इन सावधानियों का पालन करके और गर्मी से जुड़ी सलाह के बारे में जानकारी रखकर, अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति गर्मियों में बेहतर नियंत्रण के साथ जी सकते हैं और अस्थमा के बदतर होने के खतरे को कम कर सकते हैं।

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