नई दिल्ली । पनामा पेपर लीक मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में शरीफ को दोषी करार दिया है। जस्टिस आसिफ सईद खोसा की अगुआई वाली 5 जजों की बेंच ने शरीफ और उनके बच्चों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया। पनामा पेपर लीक मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी।
पांच जजों की बेंच में जस्टिस आसिफ सईद खोसा, जस्टिस एजाज अफजल खान, जस्टिस गुलजार अहमद, जस्टिस शेख अजमद सईद और जस्टिस इजाजुल अहसान शामिल थे। शरीफ के खिलाफ यह फैसला सुप्रीम कोर्ट रूम नं. 1 में सुनाया गया।
- तनाव की आशंका देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के आसपास सिक्युरिटी टाइट कर दी गई है।
- इस्लामाबाद पुलिस और पंजाब रेंजर्स समेत अन्य फोर्सेज के करीब 3 हजार जवान तैनात किए गए हैं।
कैसे हुआ था खुलासा
2013 में इंटरनैशनल कन्सॉर्टियम ऑफ इन्वैस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आई.सी.आई.जे.) ने पनामा पेपर्स के नाम से बड़ा खुलासा किया। उत्तरी व दक्षिणी अमरीका को भूमार्ग से जोड़ने वाले देश पनामा की एक कानूनी फर्म ‘मोसेक फोंसेका’ के सर्वर को 2013 में हैक करने के बाद ये खुलासे किए और कहा कि फर्जी कंपनियों और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए अरबों रुपये विदेशी बैंकों में जमा कराए गए।
इंटेरिमपीएम पद की रेस
मीडिया रिपोर्ट्स में पीएमएल-एन के एक लीडर के हवाले से बताया जा रहा है कि शाहबाज के उप-चुनाव में पीएम चुने जाने तक 45 दिनों के लिए अंतरिम पीएम के रूप में डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ, स्पीकर अयाज सादिक, बिजनेसमैन शाहिद अब्बासी के नाम रेस में हैं।
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