श्रीगंगानगर (सच कहूँ न्यूज)। पिछले दिनों जैसलमेर के चांधन इलाके से पकड़ा गया जासूस नवाब खान हालांकि अब जेल में है। उससे पूछताछ के बाद दो और जासूसों को सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया गया।नबाब पिछले 5 साल से पाकिस्तान के लिए भारत की जासूसी कर रहा था और भारत की खुफिया सूचना दुश्मन देश के पास पहुंचा रहा था। खुफिया विभाग की पिछले लंबे समय से नवाब खान पर नजर बनी हुई थी। साधारण से मोबाइल की दुकान चलाने वाले नवाब के पास अपनी स्कॉर्पियो गाड़ी होने से वह विभाग की नजरों में आया।
यहां तक की पिछले 7 सालों में कई बार पाकिस्तान जाकर आ चुका था।नवाब खान पहली बार 2014 में पाकिस्तान गया था। दूसरी बार 2015 में वह 30 दिन तक पाकिस्तान में अपने मामा शरीफ उस्मान के पास रहा।इसके बाद 2016-2017 लगातार पाकिस्तान जाता रहता था। पाकिस्तान में हालांकि उसका ननिहाल है लेकिन नवाब खान जब भी पाकिस्तान जाता तो वहां के आईएसआई एजेंट और अधिकारियों से उसकी लंबी बातचीत और मुलाकात होती थी। उसे रुपया भी मिला करते थे।नवाब का पाकिस्तानी दूतावास में भी सीधा दखल था और वह बिना किसी रोक-टोक के दूतावास में जाता आता रहता था।
नवाब काम कैसे करता था
इस बारे में जानकारी मिली कि नवाब ने 5 से 7 सिम खरीदी थी और उस सिम को पाकिस्तान में बैठे उसके आका व्हाट्सएप डाउनलोड कर नवाब के साथ चैटिंग किया करते थे।पाकिस्तानी एजेंट अपने मोबाइल में व्हाट्सएप डाउनलोड करने के बाद जो ओटीपी आता था, उसे नवाब पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को बता देता था और उसके बाद भारत की खुफिया सूचनाएं अपने आकाओं को भेजा करता था।यहां तक कि पाक दूतावास में भी नवाब के द्वारा खरीदी हुई सिम काम में ली जा रही थी।फिलहाल सुरक्षा एजेंसियां उसके पूरे नेटवर्क को खंगालने में लगी है।जोधपुर सी आई डी इंटेलिजेंट एसपी रामेश्वर लाल से बातचीत में उन्होंने बताया कि किस तरह से नवाब का नेटवर्क बना हुआ था। उन्होंने कहा कि उनका विभाग आगे भी इस तरह से देश के दुश्मनों को पकड़ कर बेनकाब करेगा।
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