मुंबई (एजेंसी)। भारतीय नौसेना ने 34 साल की सेवा के बाद गोदावरी श्रेणी के निर्देशित-मिसाइल पोत ‘आईएनएस गोमती’ को सेवामुक्त कर दिया। यहां नौसेना के डॉकयार्ड में एक आयोजित एक भव्य, औपचारिक और मार्मिक समारोह में सूर्यास्त के समय इसे सेवामुक्त कर दिया गया। भारतीय नौसेना ने कहा कि इस युद्धपोत ने 34 सालों तक देश और नौसेना की मदद की। कप्तान सुदीप मलिक की कमान में जहाज को डिस्चार्ज किया गया। आईएनएस गोमती का नाम गतिशील नदी गोमती से लिया गया है और 16 अप्रैल, 1988 को तत्कालीन रक्षा मंत्री के.सी. पंत द्वारा बॉम्बे के मझगांव डॉक लिमिटेड में इसे कमीशन किया गया था। गोदावरी क्लास गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट्स का तीसरा जहाज आईएनएस गोमती कार्यमुक्त किए जाने के समय पश्चिमी बेड़े का सबसे पुराना योद्धा था।
अपनी सेवा के दौरान, उसने आॅपरेशन कैक्टस, पराक्रम और इंद्रधनुष तथा कई द्विपक्षीय और बहुराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यासों में हिस्सा लिया। राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा में उल्लेखनीय भावना और असाधारण योगदान के लिए उसे दो बार, पहली बार 2007-08 में और फिर 2019-20 में प्रतिष्ठित यूनिट प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। कार्यमुक्त किए जाने के बाद, जहाज की विरासत को लखनऊ में गोमती नदी के सुरम्य तट पर स्थापित किए जा रहे एक ओपन एयर संग्रहालय में जीवंत रखा जाएगा, जहां उसकी कई युद्ध प्रणालियों को सैन्य और युद्ध अवशेषों के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा।
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