नयी दिल्ली। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने शुक्रवार कको कहा कि नौसेना मौजूदा संसाधनों के बल पर देश के समुद्री हितों की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है और साथ ही पाकिस्तान तथा चीन से किसी भी तरह के दोतरफा खतरे का सामना करने की भी ताकत रखती है। एडमिरल कुमार ने नौसेना दिवस की पूर्व संध्या पर आज यहां वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए केवल युद्धपोतों और पनडुब्बियों की संख्या पर ही दारोमदार नहीं रहता बल्कि उसके पीछे की जनशक्ति भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नौसेना के पास बेहतर और कुशल तथा प्रशिक्षित जनशक्ति है जो किसी भी मुकाबले मैं पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि चीन की नौसेना की हर गतिविधि पर भारतीय नौसेना की कड़ी नजर है।
नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय नौसेना किसी विशेष देश की तैयारियों को ध्यान में रखकर अपनी क्षमता नहीं बढ़ाती बल्कि वह परिस्थितियों तथा आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखकर अपनी क्षमता तथा ताकत बढ़ाने की चरणबद्ध योजना पर काम करती है। उन्होंने कहा कि वह देशवासियों को आश्वस्त करते हैं कि नौसेना मौजूदा संसाधनों का अधिकतम और बेहतर इस्तेमाल कर देश के समुद्री हितों की रक्षा के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नौसेना में युद्ध पोतों और पनडुब्बियों की संख्या कितनी होनी चाहिए इसके लिए एक व्यापक योजना पर काम किया जा रहा है और उसके अनुसार ही इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह संख्या 170 भी हो सकती है 200 भी हो सकती है और 230 भी हो सकती है इसलिए वह अभी किसी निश्चित संख्या के बारे में बातचीत नहीं कर रहे हैं।
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